

बिलासपुर। साइबर अपराधियों पर लगातार शिकंजा कसते हुए थाना रेंज साइबर सेल बिलासपुर ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला (भा.पु.से.) एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह (भा.पु.से.) के निर्देशन में की गई कार्रवाई में उड़ीसा राज्य के नक्सल प्रभावित इलाकों से तीन अंतर्राज्यीय साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है।
इन अपराधियों ने स्वयं को बैंक अधिकारी बताकर एक आम नागरिक से KYC अपडेट कराने के बहाने ओटीपी प्राप्त कर उसके खाते से कुल ₹26,74,701 की ठगी की थी। यह मामला थाना सकरी, जिला बिलासपुर के अपराध क्रमांक 936/2024 अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया था।

गिरफ्तार आरोपी इस प्रकार हैं:
- कृष्णा लूहा (42 वर्ष), निवासी दीपापल्ली, थाना उलूंडा, जिला सोनेपुर (उड़ीसा)
- गुलेख कुम्हार (40 वर्ष), निवासी दीपापल्ली, थाना उलूंडा, जिला सोनेपुर (उड़ीसा)
- पंकज कुमार खैतान (44 वर्ष), निवासी विवेकानंदपल्ली रेलवे कॉलोनी, राउरकेला, जिला सुंदरगढ़ (उड़ीसा)
प्रार्थी जॉनसन एक्का, निवासी सकरी को कॉल कर आरोपी खुद को बैंक अधिकारी बताकर KYC अपडेट के नाम पर उसकी बैंक जानकारी और ओटीपी प्राप्त किए। इसके बाद आरोपियों ने उसके नाम पर लोन लेकर धनराशि अपने फर्जी खातों में ट्रांसफर की।
जांच में आरोपियों द्वारा फर्जी सिम कार्ड और बैंक खातों का उपयोग कर धोखाधड़ी करना उजागर हुआ। प्राप्त तकनीकी जानकारी के आधार पर साइबर टीम उड़ीसा भेजी गई, जहां स्थानीय पुलिस के सहयोग से तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर बिलासपुर लाया गया। 23 मई को उन्हें न्यायालय में प्रस्तुत कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया।
इस कार्रवाई में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) श्री राजेन्द्र जायसवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अनुज गुप्ता, सीएसपी सिविल लाइन श्री निमितेश सिंह (रा.पु.से.), निरीक्षक राजेश मिश्रा, निरीक्षक रविशंकर तिवारी, सहायक उपनिरीक्षक सुरेश पाठक, आरक्षक चिरंजीव कुमार और विजेंद्र मरकाम की अहम भूमिका रही।
बिलासपुर पुलिस की आम नागरिकों से अपील:
- किसी को भी अपनी बैंक जानकारी, ओटीपी, आधार या पैन कार्ड की कॉपी साझा न करें।
- फर्जी कॉल्स से सावधान रहें, खासकर जो खुद को कस्टम, पुलिस, CBI या ED अधिकारी बताते हैं।
- कॉल फॉरवर्डिंग एक्टिवेट करने वाले कॉल से बचें।
- अनजान ऐप्स और वेबसाइट डाउनलोड न करें।
- अधिक मुनाफे या परीक्षाओं में पास कराने जैसे झांसे में न आएं।
- किसी भी साइबर फ्रॉड की घटना पर तुरंत 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट दर्ज करें।
