

प्रदेश धर्माचार्य श्री रजनीकांत महाराज, अचार्य संकल्प शुक्ला, शाला के प्राचार्य श्री प्रशांत चिपडे सर , मधुकांत शर्मा, विठालकर सर, वारे सर , अंजली शर्मा, सेंडे सर आलोक सर, राजेंद्र भोई, शत्रुघन कृष्ण,सहित बड़ी संख्या में प्रधानाचार्यो ने उपस्थित होकर एक स्वर में गीता जी के प्रथम श्लोक का पाठ प्रारंभ किया सभी ने गीता जी पर अपना विचार रखा। श्री गोपाल कृष्ण रामानुज दास ने बताया कि आज समाज संस्कार विहीन होता जा रहा है, इसका एक मात्र कारण है गाय और गीता से दूरी बनाना। बालक बालिकाओं में संस्कार देने के लिए भारतीय देशी गौमाता का दूध सेवन कराना चाहिए। ज्ञान के लिए गीता जी के श्लोक का अध्ययन करना चाहिए। आज मोबाइल के दुरपयोग से समाज में फैल रही है विकृति से अपने बच्चों को बचाने के लिए सनातन संस्कृति से जोड़ने के लिए गीता जी व वेद पुराण शास्त्रों का ज्ञान होना आवश्यक है।

गीता जी के श्लोक के माध्यम से बच्चों में संस्कार ज्ञान प्रदान ही लक्ष्य है। आज गीता जयंती पर सम्पूर्ण विश्व में एक समय पर एक मिनट में गीता के पाठ का आयोजन हुआ। स्कूलों में अध्ययन कर रहे छात्रों को गीता जी के श्लोक का वचन करने पर पुरस्कृत किया गया मानव जीवन में गीता का क्या महत्व है, इसपर अचार्य संकल्प शुक्ला ने प्रकाश डाला और बच्चों को धर्म अधर्म जय परजय लाभ हानि जीवन मरण जैसे विभिन्न मध्य से श्रवण कराया। गीता जी के आरती के पश्चात् प्रसाद वितरण किया गया।

