हत्या के फरार आरोपी वसीम खान ने किया आत्मसमर्पण, जानिए आखिर क्यों इस मामले में आरएसएस और अन्य हिंदूवादी संगठनों ने एसपी से की मुलाकात

वसीम खान

बिलासपुर में गैंगवार और हत्या के मुख्य आरोपी एनएसयूआई नेता वसीम खान ने आखिरकार सत्ता बदलते ही आत्मसमर्पण कर दिया। उसे कांग्रेस पार्टी द्वारा संरक्षण दिए जाने के आरोप अक्सर लगते रहे हैं । जिस तरह से सत्ता बदलते ही वसीम खान ने आत्म समर्पण किया उससे इन आरोपों को बल मिल रहा है। पुलिस के अनुसार वसीम खान पिछले 2 साल से फरार चल रहा था लेकिन जानकारों का दावा है कि वह इस दौरान आसपास ही मौजूद था। करीब 2 साल पहले 25 फरवरी 2021 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रदेश प्रवास के दौरान ही तालापारा में दिनदहाड़े हुए चाकू बाजी और गैंगवॉर में एक नाबालिक की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड को 20 से 25 नाबालिकों ने मिलकर अंजाम दिया था। मृतक के एक साथी पर भी जानलेवा हमला किया गया था। इस मामले में नो नाबालिक समेत 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन घटना के मुख्य आरोपी और सरगना एनएसयूआई नेता वसीम खान की गिरफ्तारी नहीं हो रही थी।

मृतक


आरोप है कि कांग्रेस नेताओं के संरक्षण और दवाब के चलते ही पुलिस वसीम खान को गिरफ्तार नहीं कर रही थी। पुलिस वसीम खान को फरार बताती रही। इधर छत्तीसगढ़ में सत्ता बदलते ही अमर अग्रवाल ने 15 दिन के भीतर शहर में गुंडागर्दी, भयऔर आतंक को खत्म करने का ऐलान कर दिया, जिससे डर कर किसी चूहे की तरह वसीम खान बिल से बाहर आ गया। मंगलवार दोपहर अचानक वसीम खान कोर्ट पहुंचा और उसने सरेंडर कर दिया। कोर्ट ने इसकी जानकारी सिविल लाइन पुलिस को दी, जिसने वसीम खान को रिमांड पर ले लिया।

इधर वसीम खान की गिरफ्तारी के बाद आरएसएस और अन्य हिंदूवादी संगठनों ने एसपी से मुलाकात की। दरअसल इस घटना को अंजाम दिए जाने के बाद वसीम खान को राजनीतिक संरक्षण दिए जाने का आरोप लगाते हुए तमाम हिंदूवादी संगठनों ने आंदोलन किए थे। जिस पर पुलिस ने उनके ही खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था, जिन्हें वापस लेने की मांग के साथ इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की गई है।

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