परिवार ने जिस बेटी को मृत मान लिया था, अचानक उसे सामने पाकर उनकी क्या मनोदशा हुई होगी, इसे आप आसानी से समझ सकते हैं। तखतपुर क्षेत्र के सुभाष नगर से 23 वर्षीय युवती साल 2020 में घर में किसी को बिना बताए कहीं चली गई थी। परिजनों ने बहुत ढूंढा। उसकी गुमशुदी की रिपोर्ट भी थाने में दर्ज कराई , लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। युवती के गायब होने के करीब साल भर बाद एक दिन नांदघाट क्षेत्र में एक जली हुई लाश मिली। उस वक्त के हालात और प्रमाण के बाद गायब युवती के परिजनों ने मान लिया कि उनकी बेटी मर चुकी है और वह जली हुई लाश उसकी ही है। दिल पर पत्थर रखकर परिजन अपनी गुम बेटी की लाश मिलने पर उसका अंतिम संस्कार कर उसकी यादों के सहारे जी रहे थे।
इसी दौरान तखतपुर पुलिस को जानकारी मिली कि सुभाष नगर से गायब युवती दुर्ग में है । फिर पुलिस ने दुर्ग से उसे ढूंढ निकाला। जिसे सब मृत मान चुके थे, उसे जब आंखों के सामने जीवित सामने देखकर सबकी खुशियों का ठिकाना नहीं रहा। तखतपुर पुलिस की तत्परता से ही परिजनों ने उस बेटी को वापस पा लिया जिसे मृत समझकर उसका अंतिम संस्कार भी वे कर चुके थे। अब यक्ष प्रश्न यह है कि अगर गुम युवती जीवित थी तो फिर वह जली हुई लाश किसकी थी, जिसे अब तक यही युवती मान कर फाइल क्लोज की जा चुकी थी।