संत गुरूघासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर द्वारा 1 सितम्बर 2023 को आयोजित दीक्षांत समारोह में बिलासपुर के उन छात्र नेताओं को जिन्होंने इस विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर संघर्ष किया था, निमंत्रण नहीं देना उनका अपमान है, प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता एवं संघर्ष के समय के छात्र नेता अभय नारायण राय ने केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी व्यक्त की है, अभय नारायण राय ने बताया कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना सन् 1984 में लम्बे छात्र आंदोलन, नागरिक आंदोलन के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के द्वारा की गई, तत्कालीन विधायक एवं मंत्री बी.आर.यादव, उस समय के सभी छात्र नेताओं को इसका श्रेय जाता है, राज्य सरकार का विश्वविद्यालय बाद में स्व.अर्जुन सिंह जी के द्वारा जो केन्द्र सरकार में मानव संसाधन मंत्री थे, इसे केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया। वर्तमान केन्द्र सरकार का इस विश्वविद्यालय की स्थापना में कोई योगदान नहीं है, माननीय कुलपति जो लगातार कुलपति होने के नाते बिलासपुर के विभिन्न सामाजिक, धार्मिक साहित्यिक आयोजनों में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होते हैं, उन्हें यह सोचना चाहिए कि बिलासपुर के लोग कुलपति होने के नाते उन्हें यह मान-सम्मान दे रहे हैं, तो उनका भी फर्ज बनता है कि जब भी विश्वविद्यालय में कोई कार्यक्रम हो, विशेषकर दीक्षांत समारोह हो रहा हो और उस दीक्षांत समारोह में भारत की महामहिम राष्ट्रपति शामिल हो रही हो, तो उनका आमंत्रण वरिष्ठजनों, निर्वाचित जनप्रतिनिधियों, वरिष्ठ साहित्यकारों, पत्रकार साथियों और विश्वविद्यालय की स्थापना में संघर्षशील रहे समस्त छात्र नेताओं को मिलना चाहिए। अभय नारायण राय ने यह भी कहा कि बिलासपुर के लिए गर्व का विषय है कि देश की राष्ट्रपति महोदया विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में पधार रही हैं, वहीं बिलासपुर वासियों के लिए यह भी दुख का विषय है कि कुलपति एवं कुलसचिव के उदासपूर्ण रवैये के कारण इस कार्यक्रम के साक्षी बिलासपुरवासी नहीं बन पा रहे हैं।

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