

छत्तीसगढ़ प्रदेश का अद्वितीय 108 किलो वजनी पारद शिवलिंग बिलासपुर नगर के श्री पीताम्बरा पीठ सुभाष चौक सरकंडा बिलासपुर छत्तीसगढ़ स्थित त्रिदेव मंदिर में श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव के नाम से स्थापित है।श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव एवं श्री ब्रम्हशक्ति बगलामुखी देवी को प्रसन्न करने के लिए जनकल्याणार्थ हेतु श्री पीताम्बरा हवनात्मक महायज्ञ एवं श्री देवाधिदेव महादेव का अभिषेकात्मक महायज्ञ निरंतर सम्पन्न हो रहा है।पीताम्बरा हवनात्मक महायज्ञ में 36 लाख आहुतियां दी जानी है। 61दिनो मे 17 लाख आहुतियाँ दी जा चुकी है।

पीठाधीश्वर आचार्य दिनेश जी महाराज ने बताया कि पारद की उत्पत्ति भगवान शिव के अंश से हुई है। इसलिए पारद शिवलिंग की पूजा करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। ब्रह्म पुराण में कहा गया है कि जो व्यक्ति पारद शिवलिंग की भक्ति पूर्वक पूजा करता है, वह सभी सांसारिक सुखों का भोग करता है और अंत में मोक्ष को प्राप्त करता है।इस शिवलिंग की पूजा करने से सभी तरह के तंत्र-मंत्र और नकारात्मक शक्तियां खत्म हो जाती हैं और जातक के आसपास सकारात्मक ऊर्जा का कवच बना रहता है। मान्यता है कि पारद शिवलिंग की पूजा करने वाले की स्वयं महाकाल और महाकाली रक्षा करती हैं।ज्योतिर्लिंग दर्शन का सम्पूर्ण फल केवल एक पारद शिवलिंग के दर्शन से प्राप्त हो जाते हैं।