
कैलाश यादव

बिलासपुर में अक्सर अवैध रेट घाटों में अवैध तरीके से रेट उत्खनन की शिकायत की जाती रही है। अरपा बेसिन से जुड़े अधिकारी भी इसकी शिकायत करते रहे हैं । ऐसा शायद पहली बार हुआ है जब वे लोग कलेक्टर के पास शिकायत लेकर पहुंचे जिन पर अक्सर अवैध रूप से रेत उत्खनन का आरोप लगता रहा है। ट्रैक्टर परिवहन संघ के सदस्य सोमवार को बड़ी संख्या में कलेक्टर को आवेदन देने पहुंचे, जिन्होंने कहा कि बिलासपुर के वैध रेत घाट में रेत ही नहीं है ।जहां रेट है वह घाट अवैध है। जैसे कछार, लोखंडी आदि। इसलिए ऐसे घाट को वैध करने की मांग की जा रही है जिससे कि सरकंडा क्षेत्र के नागरिकों को आसानी से एवं रियायती दर पर रेत उपलब्ध हो सके।

मांग की गई है कि ऐसे घाट पर रायल्टी पर्ची अनिवार्य किया जाए ताकि वहां से रेत का परिवहन आसानी हो सके। ज्ञापन सौंपते हुए कहा गया कि ट्रैक्टर संघ के सभी पदाधिकारी और सदस्यों के परिवार का भरण पोषण का एकमात्र जरिया ट्रैक्टर से परिवहन है, इससे करीब 5000 लोगों का परिवार जुड़ा हुआ है, इसलिए अवैध घाटों में रेत परिवहन बंद हो जाने से हजारों की संख्या में मजदूरों के बेरोजगार होने की भी बात कही जा रही है। यह भी कहा गया है कि अधिकांश ट्रैक्टर संघ के सदस्यों ने उधारी लेकर या बैंक फाइनेंस करा कर वाहन लिया है। जब कार्यवाही के नाम पर खनिज विभाग उनके वाहनों को जप्त करता है तो 10000 से 15000 तक जुर्माना लगाया जाता है गिर भी गाड़ी को असुरक्षित तरीके से खड़ा किया जाता है जिससे उसके सामान की चोरी हो जाती है।

