अधिक रकम कमाने की लालच में रेलवे इंजीनियर गवा बैठा 9 लाख रुपये, साइबर ठगी का बना शिकार

ऑनलाइन ठगी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे। कई मर्तबा पढ़े-लिखे समझदार लोग भी शातिर ठगों के शिकार बन जाते हैं। इस बार रेलवे का इंजीनियर ठगों के झांसे में आकर करीब 9 लाख रुपये गवा बैठे। मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है। पत्रकार कॉलोनी निवासी सर्वेश रंजन पांडे रेलवे में इंजीनियर है। उनके व्हाट्सएप नंबर पर 25 मार्च को एक अनजान नंबर से व्हाट्सएप मैसेज आया था, जिसमें यूट्यूब पर पार्ट टाइम जॉब के जरिए अतिरिक्त रकम कमाने का प्रलोभन दिया गया था। रेलवे में इंजीनियर होने और अच्छी खासी तनख्वाह होने के बावजूद सर्वेश रंजन पांडे प्रलोभन में आ गया। उसने आगे जानकारी हासिल की तो पता चला कि कंपनी द्वारा वीडियो लाइक करने पर रुपए दिए जाएंगे। उन्हें 50 रुपए प्रति वीडियो देने का टास्क दिया गया। इसके बाद उन्हें प्रीपेड टास्क दिया गया। इसमें 1 से 4 किस्तों में पैसा डालने पर तीन किस्त पटाने पर उक्त रकम का कुछ प्रतिशत प्रॉफिट के साथ देने की बात कही गई। सर्वेश ने मैसेज में दिए गए खाता नंबरों पर ₹5000, ₹3000, ₹10,700, ₹5000, ₹25000 , 87000, ₹3,20000 और ₹4,60000 डाले। इस तरह उनके अकाउंट से ₹8, 97000 निकल गए । जब उन्हें ठगे जाने का एहसास हुआ तो इसकी शिकायत साइबर सेल में की गई। साइबर सेल सिर्फ ₹2 लाख 38,361 ही होल्ड करा पाया है। पुलिस मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश कर रही है।

इस तरह के आते हैं मैसेज


ऑनलाइन माध्यम से पैसे कमाने के ऑफर अक्सर फिशिंग होते हैं। किसी से भी बैंक अकाउंट डिटेल शेयर करना या फिर उनके खाते में रकम ट्रांसफर करना हमेशा ही जोखिम भरा होता है। बताया जा रहा है कि आजकल ठग प्रीपेड टास्क के नाम पर पहले पैसा जमा कराते हैं और फिर रकम वापस नहीं लौटाते। ऐसे मामलों में पीड़ित पक्ष को तुरंत साइबर हेल्प लाइन नंबर 1930 पर कॉल करने की सलाह दी जा रही है। तत्काल शिकायत मिलने पर साइबर सेल रकम ओल्ड करा सकती है। वैसे सबसे बेहतर यही है कि ऐसे झांसे में नहीं फंसना चाहिए।

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