धोखे से हासिल सिम कार्ड और आईडी के जरिए फर्जी बैंक खाता खोलकर ऑनलाइन सट्टा के लिए करोड़ों का लेनदेन करने के मामले में बिलासपुर पुलिस की बड़ी कामयाबी, 10 लाख रुपए नगद और लाखों के लैपटॉप मोबाइल के साथ चार आरोपी हिरासत में, 12 करोड़ से अधिक की रकम कराई गई फ्रिज

अली अकबर

महादेव, अन्ना रेड्डी और ऑनलाइन सट्टा के खिलाफ बिलासपुर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से करीब 10 लाख रुपए नगद बरामद किए गए। आरोपियों से 30 मोबाइल फोन और 10 लैपटॉप के साथ 10 एटीएम भी जप्त किए गए। इतना ही नहीं इन आरोपियों द्वारा ठगे गए रकम के मामले में 275 से अधिक अकाउंट होल्ड कराकर 12 करोड़ 30 लाख रुपए फ्रिज भी किए गए हैं।


शनिवार को इस मामले का खुलासा करते हुए बताया गया कि आरोपी बैंक कर्मचारियों के साथ मिलकर लोगों को ट्रेडिंग का बहाना बनाकर उनके नाम से फर्जी बैंक खाता खोलते थे और इन खातों का उपयोग ऑनलाइन सट्टा में किया जाता था। ऐसे ही 24 अकाउंट की पहचान पुलिस ने की है। इन फर्जी अकाउंट में यूपीआई चालू करने के लिए कुछ मोबाइल दुकान वालों से मिलकर फर्जी सिम अकाउंट से लिंक किया जाता था। महादेव ऐप प्लेटफार्म से संबंधित 600 वीआईपी मोबाइल नंबर की पहचान की गई है, जिनको पुलिस डीएक्टिवेट करा रही है। इस मामले में पुलिस ने बेंगलुरू निवासी रजत जैन, सरकंडा बिलासपुर निवासी क्षितिज भारद्वाज, सिविल लाइन बिलासपुर में रहने वाले बॉबी जाधव और सरकंडा के कार्तिक विश्वकर्मा को पकड़ा है।


बिलासपुर पुलिस लगातार ऑनलाइन सट्टा बैटिंग प्लेटफार्म के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। इसी क्रम में तार बहार थाने में एक मामला पंजीबद्ध हुआ, जिसमें फर्जी बैंक खाता खुलवा कर 50 करोड़ से अधिक रकम का ट्रांजैक्शन किया गया था। उसी मामले की जांच से पुलिस को ज्ञात हुआ कि इस्तेमाल किए जा रहे बैंक खातों का प्रयोग ऑनलाइन सट्टा महादेव बुक, रेड्डी अन्ना में ऑनलाइन सट्टा खेलने की रकम की लेनदेन के लिए भी किया जा रहा है ।फर्जी बैंक खाता खोलने के लिए सार्थक और क्षितिज स्कूल कॉलेज में पढ़ने वाले अपने जान पहचान वाले लोगों को शेयर ट्रेडिंग की बात कहकर झांसे में लेते थे और उनके नाम से फर्जी बैंक खाता खुलवा लिया जाता था। यह लोग बैंक में अकाउंट ट्रांजैक्शन में इस्तेमाल होने वाले आईडी पासवर्ड यूपी आईडी कार्ड आदि मुहैया कराने का काम करते थे। बैंक खाता खोलने में प्राइवेट बैंक जैसे यस बैंक, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी और आईडीएफसी के कर्मचारियों की भी भूमिका पाई गई है।

बैंक खाते में जो मोबाइल नंबर रजिस्टर है वह मोबाइल नंबर खाताधारक के नहीं है। क्षितिज के ही कहने पर फर्जी मोबाइल नंबर को खाता में रजिस्टर किया गया है, जिससे ऑनलाइन बैंकिंग और यूपीआई ट्रांजैक्शन में ऑनलाइन सट्टा खेलने वालों को पैसों के लेनदेन में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होती। जहां पर मोबाइल सिम बेचे जाते हैं, उन दुकानों में मोबाइल सिम अपडेट करते समय एक बार की बजाय दोबारा फिंगरप्रिंट स्कैन कर लिया गया और दो बार फोटो खींच कर फर्जी सिम कार्ड लागू कर दिया गया । उस सिम कार्ड को महंगे दामों में ऑनलाइन वेटिंग सट्टा खिलाने वालों को बेचा जाता था। बिलासपुर में ऐसा फर्जीवाड़ा करने वाले कुछ मोबाइल दुकान वालों की भी पहचान की गई है, जिनमें से एक को गिरफ्तार किया गया है । बिलासपुर पुलिस के लिए यह बहुत बड़ी कामयाबी है। इस मामले में उन लोगों के आई डी का इस्तेमाल किया गया जिन्हें इसकी कभी कोई भनक तक नहीं लगी।

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