हेमू नगर- शंकर नगर के कई इलाकों में पानी के लिए मचा हाहाकार, पानी की एक बूंद के लिए तरस रही महिलाओं और पुरुषों ने विकास भवन गेट का कर दिया घेराव, गेट के पास धरने में बैठे लोगो को निगमायुक्त ने एक दिन में हालात सुधारने का दिया आश्वासन

विकास भवन का कर दिया घेराव

इन दिनों बिलासपुर के कई क्षेत्रों में पेयजल संकट गहरा चुका है। कई बड़े वार्ड पानी की एक बूंद के लिए तरस रहे हैं। इन्हीं में से एक हेमू नगर में पिछले पखवाड़े भर से पानी के लिए हाय तौबा मची हुई है। हेमू नगर के कई क्षेत्रों में नल से एक बूंद पानी नहीं आ रहा। शंकर नगर, हेमू नगर वार्ड में मौजूद अटल आवास में भी पानी की सप्लाई पूरी तरह बंद हो जाने के बाद नागरिकों का सब्र जवाब दे गया। गुरुवार को बड़ी संख्या में वार्ड की महिलाएं और पुरुष पानी की समस्या को लेकर विकास भवन पहुंचे और किसी अधिकारी के ना मिलने पर विकास भवन के गेट पर ही धरना दे दिया।

बॉम्बे आवास में नहीं आ रहा पानी

करीब 3 घंटे तक हेमू नगर और शंकर नगर वार्ड क्रमांक 44 एवं 45 के नागरिक पानी की समस्या को लेकर धरना प्रदर्शन करते रहे । बताया गया कि वार्ड क्रमांक 44 शंकर नगर बॉम्बे आवास में केवल एकमात्र बोरवेल है जो भी पिछले 1 महीने से खराब है। सुधार कार्य नहीं किए जाने से इस भीषण गर्मी में लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं ।
इधर विकास भवन प्रवेश द्वार पर धरना प्रदर्शन से हंगामा मच गया । इसकी सूचना निगमायुक्त कुणाल दुदावत को मिली तो उन्होंने आंदोलनकारियों को अपने कार्यालय बुलाया। प्रतिनिधिमंडल से बातचीत में विस्तार से पूरी समस्या को समझने के बाद उन्होंने तुरंत सबके सामने जोन कमिश्नर को फोन लगाया और आश्वस्त किया कि शाम तक या फिर शुक्रवार तक समस्या का निदान हो जाएगा और अगर ऐसा नहीं हुआ तो नये बोरवेल की खुदाई की जाएगी। आश्वासन पर वार्ड क्रमांक 44 और 45 के नागरिक लौट आए।

इस दौरान निगम आयुक्त से मुलाकात करने वालों में भाजयुमो नेता धनंजय गोस्वामी, भाजपा नेता राजा गोस्वामी, श्यामसुंदर तिवारी, रजनी यादव, माया, रिंकी शबाना, रजनी, सावित्री अशोक यादव होरी लाल, मनोरमा आदि मौजूद थे। इस विकट संकट की घड़ी में पीड़ितों के साथ इन दोनों ही वार्डों के पार्षदों की अनुपस्थिति इस दौरान चर्चा का विषय रही। नगर निगम आयुक्त के आदेश के बाद तुरंत एक अमला हेमू नगर पहुंच गया, जहां पानी की सप्लाई को दुरुस्त करने का प्रयास किया जा रहा है।

2 वार्डों के लिए एकमात्र पानी टंकी

क्यों है पानी की समस्या

वार्ड क्रमांक 44 एवं 45 विशाल क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहां साल दर साल नए मकान बन रहे हैं और लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। बताया जा रहा है कि पार्षदों की आपसी खींचतान के चलते यहां लिए गए अव्यावहारिक फैसले के कारण ही हमेशा जल संकट की स्थिति रही है । शंकर नगर हेमू नगर स्थित बंधवा तालाब के पास पांच बोरवेल मौजूद है, जिनमें से दो स्थाई रूप से खराब है। तीन बोरवेल से पानी की टंकी भरी जाती है। पानी की टंकी नलकूप जहां है वहां होने की बजाय शंकर नगर स्कूल में है। रोजाना पानी सप्लाई के बाद बोरवेल सबमर्सिबल पंप चालू कर टंकी को भरा जाता है, लेकिन अगर इस दौरान कभी बिजली चली गई तो पंप ऑटोमेटिक बंद हो जाते हैं । उसे पुनः स्टार्ट करना होता है। नगर निगम का कर्मचारी पानी टंकी के पास शंकर नगर में होता है जबकि पंप हेमू नगर तालाब के पास है । रात में भी कई बार इस तरह की स्थिति बनती है। इस अव्यवहारिक फैसले के चलते ही मोटर बंद हो जाने पर अक्सर उसे पुनः स्टार्ट नहीं किया जाता, जिससे टंकी पूरी भर ही नहीं पा रही।

टंकी भरने के लिए लगाए पम्प से लगातार पानी भरने से नहीं बन रहा प्रेशर

बताया जा रहा है कि जब पंप की खुदाई हुई थी तब पानी टंकी तालाब के पास ही बनाने का निर्णय लिया गया था लेकिन कुछ लोगों के अड़ंगे के कारण यही पानी टंकी शंकर नगर में बनानी पड़ी। वहीँ वर्तमान में जिस पंप से टंकी भरी जाती है उसमें भी एक टेपनल लगाया गया है, जिससे दिन भर लोग पानी भरते हैं, इसलिए पाइप लाइन में पानी का प्रेशर नहीं बन पाता और टंकी आधी भी नहीं भर पाती ।

आज से कई दशक पहले की जरूरत के हिसाब से शंकर नगर में निर्मित पानी टंकी से ही दोनों वार्ड में सप्लाई की जाती थी, जो उस दौर में पर्याप्त हुआ करती थी। लेकिन वर्तमान में एक पानी टंकी पर्याप्त नहीं है। हेमू नगर में ही एक बड़े पानी टंकी की नितांत आवश्यकता है। यह पानी टंकी तालाब के पास, सिलाई प्रशिक्षण केंद्र या फिर साईं उद्यान के आसपास बनायी जा सकती है। ऐसा कर ही केवल वार्ड की पानी समस्या को समाप्त किया जा सकता है, नहीं तो हर साल गर्मी में इसी तरह की समस्या आएगी। फिलहाल पाइप की लंबाई बढ़ाकर , खराब मोटर सुधार कर अस्थाई रूप से व्यवस्था बनाई जा रही है। स्थाई रूप से पानी की समस्या का निदान करना है तो बहुत जरूरी है कि हेमू नगर के दूसरे छोर साईं सामुदायिक भवन, कलचुरी स्कूल के आसपास एक पानी टंकी का निर्माण किया जाए ताकि पानी का प्रेशर दोनों ओर से बन सके।

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