हर वर्ष की तरह इस बार भी गहरे जल संकट से जूझ रहा है हेमू नगर, अधिकांश घरों तक नहीं पहुंच रहा पानी, टैंकर की भी नहीं की गई है कोई व्यवस्था, एकमात्र पानी टंकी पर निर्भरता से हालात हुए बदतर

जून के दूसरे हफ्ते में गर्मी अपने प्रचंड रूप में सामने है। इन दिनों सुबह नहीं होती बल्कि सीधे दिन की शुरुआत दोपहर से हो रही है। दोपहर की क्या कहे रात में भी गर्मी से लोगों को राहत नहीं। ऐसे में बिलासपुर के कई मोहल्लों में जल संकट ने आफत को दोगुना कर दिया है।
हर साल की तरह इस बार भी बिलासपुर के हेमू नगर में जल संकट से त्राहि-त्राहि मची हुई है। एक विशाल क्षेत्रफल में फैले कॉलोनी में लगातार घरों की संख्या बढ़ती जा रही है , जो पूरी तरह से नगर निगम द्वारा प्रदाय जल सप्लाई पर निर्भर है। यहां पानी की सप्लाई के लिए एकमात्र टंकी शंकर नगर स्कूल में स्थापित है, जिससे ही ना केवल हेमू नगर बल्कि शंकर नगर और आसपास के क्षेत्रों में भी पानी की सप्लाई की जाती है। इस एकमात्र टंकी पर निर्भरता बढ़ते जाने से हालात बदतर हो चुके हैं । सामान्य दिनों में ही नल से अपने आप पानी नहीं आ पाता, क्योंकि पानी का प्रेशर बहुत कम है। गर्मी में तो स्थिति बिल्कुल खराब हो जाती है।
इस वर्ष भी फरवरी महीने से ही बिना मोटर पंप के किसी भी नल से पानी नहीं आ रहा । गर्मी आते-आते स्थिति और भयानक हो चुकी है। पिछले 2 दिनों से यहां सैकड़ों घरों में एक बूंद पानी नहीं आया। पानी टंकी शंकर नगर में स्थापित है। इससे बेहद दूर स्थित स्वास्तिक अस्पताल गली, मधुसूदन हाइट्स के आसपास, कलचुरी स्कूल, पैरामाउंट स्कूल के आसपास के क्षेत्रों में पानी का फोर्स बहुत कम होने से नल से पानी ना के बराबर आता है। यहां दिन में दो बार सुबह और शाम पानी की सप्लाई होती है। सप्लाई होते ही लोग अपने अपने टुल्लू पंप चालू कर देते हैं, जिसके सहारे ही घरों में पानी की सप्लाई हो पाती है।


अब ज्यादातर लोगों ने अधिक शक्तिशाली पंप लगा लिया है, जिनके द्वारा पानी खींच लिए जाने से दूरदराज के इलाके में पानी पहुंच ही नहीं पा रहा। ऐसे घरों में अक्सर इस गर्मी में भी पानी की एक बूंद नहीं आ रही। खासकर साईं उद्यान और कलचुरी स्कूल के आसपास के इलाकों में पानी की सप्लाई की स्थिति बेहद कमजोर है ।
पहले यहां वार्ड में कई स्थानों पर बोरिंग के सहारे पानी की सप्लाई की जाती थी, जिसे भी पता नहीं क्यों बंद कर दिया गया। अब वार्ड में पानी की सप्लाई पूरी तरह से पानी टंकी पर ही निर्भर है। यहां भी बोर की संख्या पर्याप्त ना होने, कभी बिजली चले जाने से टंकी पूरी नहीं भर पाती, जिस कारण पानी का प्रेशर नहीं बनता और अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच पाती।

हेमुनगर में अधिकांश घरों में पानी सप्लाई ना होने से हालात बदतर है लेकिन फिर भी यहां टैंकर के सहारे पानी की आपूर्ति को लेकर कोई प्रयास नहीं किया जा रहा।

वार्ड के वासी इस भीषण गर्मी में गहरे जल संकट से जूझ रहे हैं। आरोप है कि भाजपा वार्ड होने से नगर निगम इस वार्ड को लेकर उदासीन है, इसी उपेक्षा का खामियाजा लोग भोग रहे है। वर्तमान में यहां कुछ नए बोर खोदने की आवश्यकता है। साथी ही पुराना पावर हाउस क्षेत्र में एक पानी टंकी की भी नितांत आवश्यकता है, ताकि इस क्षेत्र में भी पूरे प्रेशर के साथ जलापूर्ति की जा सके। जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते यह सब कुछ नहीं हो पा रहा है। बड़ा सवाल यह है कि लगातार पिछले कुछ दिनों से घरों में पानी नहीं आने के बाद लोग क्या करें ? हालात घर छोड़कर भागने की बन चुकी है और जनप्रतिनिधियों को इससे कोई सरोकार ही नहीं है। कुछ महीने बाद चुनाव है और यही नेता जब वोट मांगने घरो में पहुंचेंगे तो फिर उन्हें इन सवालों का भी जवाब देना होगा।

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