

रतनपुर में महिला पर काउंटर एफ आई आर दर्ज किये जाने के मामले में आंदोलनकारियों को बड़ी कामयाबी मिली है। आखिर कार पुलिस ने भी माना कि इस मामले में उनसे गलती हुई है। एडिशनल एसपी राहुल देव शर्मा के नेतृत्व में गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने कोर्ट में खारीजी रिपोर्ट पेश किया है।

रतनपुर में कुछ माह पहले मोहम्मद आफताब द्वारा एक युवती के साथ रेप के मामले में गिरफ्तारी हुई थी, जिसके बाद षड्यंत्र कर बलात्कारी के ही परिवार के 10 वर्षीय बालक के साथ कथित तौर पर रेप पीड़ित युवती की मां द्वारा यौन उत्पीड़न का झूठा मामला दर्ज करा दिया गया। पुलिस ने इस मामले में महिला को गिरफ्तार कर पोक्सो एक्ट के तहत जेल भी भेज दिया, जिसके बाद खूब बवाल मचा। आखिरकार पुलिस को 3 सदस्यीय जांच कमेटी बनानी पड़ी, जिसके रिपोर्ट के आधार पर महिला को जमानत मिली थी। पुलिस ने जांच में कई खामियां पाई। पता चला कि 376 के मामले में समझौता कराने के लिए एक के बाद एक साजिश की जा रही थी। 10 साल के बच्चे को मोहरा बनाकर रेपिस्ट की बुआ ने पहले रायपुर में f.i.r. करने का प्रयास किया, जिस में असफल होने पर रतनपुर में f.i.r. करवाया। इसमें उसके ही भाई और भाजपा पार्षद की भी भूमिका रही। शुरू से ही आरोप लग रहे थे कि महिला के खिलाफ साजिश पूर्वक झूठी एफआईआर हुई है। इस मामले में महिला को जमानत मिल गई थी लेकिन उस पर आरोप बरकरार था। अब पुलिस ने जांच में भी यही पाया है कि महिला पर साजिश पूर्वक काउंटर f.i.r. किया गया था, इसलिए पुलिस ने अपनी रिपोर्ट के आधार पर तैयार बिंदुओं के साथ कोर्ट में खारिजी स्वीकृत होने के लिए वैधानिक कार्यवाही प्रक्रिया शुरू कर दी है। साथ ही रेप पीड़िता को आर्थिक प्रलोभन देकर मामला रफा-दफा करने की कोशिश में भी एफ आई आर दर्ज की गई है।
