
आकाश दत्त मिश्रा

रतनपुर में रेप पीड़िता की मां पर काउंटर रिपोर्ट करने के विरोध में आज रतनपुर बंद का आह्वान किया गया है, जो पूरी तरह सफल नजर आ रहा है। सुबह से ही रतनपुर के नागरिक, हिंदू संगठन से जुड़े लोग और व्यापारी रतनपुर बंद कराने निकल पड़े। वैसे व्यापारियों ने स्वस्फूर्त ढंग से बंद रखकर रतनपुर की ब्राह्मण महिला को समर्थन दिया है।

शनिवार शाम को भी रतनपुर के नागरिक को और अलग-अलग संगठन से जुड़े लोगों ने रतनपुर थाने का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया था। विरोध कर रहे लोग मामले की निष्पक्ष जांच के साथ दोषी पुलिस कर्मियों के निलंबन की मांग कर रहे हैं, हालांकि एसपी से लेकर तमाम पुलिस अधिकारी अब भी इस बात पर डटे हुए हैं कि उन्होंने नियमानुसार कार्यवाही की है। लेकिन विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि रेप पीड़िता पर दबाव बनाने पुलिस ने षडयंत्र पूर्वक काउंटर केस दर्ज किया है, ताकि इस मामले में समझौता हो सके।

भाजपा पार्षद के खिलाफ भी रेप पीड़िता ने पुलिस में की शिकायत
इधर इस मामले के मास्टरमाइंड कहे जाने वाले स्थानीय भाजपा पार्षद हकीम मोहम्मद की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। शनिवार को रेप पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए हकीम मोहम्मद और रेप के आरोपी की बुआ के पर लगातार मारपीट करने , जान से मारने की धमकी देने और केस वापस लेने के लिए धमकाने की शिकायत की है।
क्या है पूरा मामला
रतनपुर के करैहा पारा में रहने वाली ब्राह्मण परिवार की लड़की का 4 साल से उसी मोहल्ले में रहने वाले आफताब से दोस्ती थी। युवती के अनुसार इस दौरान आफताब ने कई बार उसके साथ रेप किया था। 4 मार्च को भी आफताब युवती को घुमाने के बहाने खूंटाघाट ले गया और फिर एकबार उसके साथ रेप किया। विरोध करने पर युवती को घसीट घसीट कर पीटा और रास्ते में छोड़ कर भाग गया। रात में हाईवे पेट्रोलिंग टीम को ग्राम भरारी के पास बदहवास स्थिति में युवती दिखी थी। पता चला कि आफताब मोहम्मद की शादी लग चुकी थी इसके बाद भी उसने युवती को खुटाघाट ले जाकर उसका रेप किया था।
इस मामले में रतनपुर पुलिस के तत्कालीन थाना प्रभारी प्रसाद सिन्हा ने दुष्कर्म और पोक्सो एक्ट का मामला दर्ज किया और शेख आफताब मोहम्मद जेल चला गया, जहां उसकी जमानत याचिका भी खारिज हो गई ।

बताया जा रहा है इसके बाद वकील की सलाह पर आफताब के रिश्तेदार लगातार युवती पर केस वापस लेने या समझौता करने दबाव बनाने लगे। युवती का आरोप है कि इस दौरान लड़के की बुआ और उसका रिश्ते में चाचा एवं स्थानीय भाजपा पार्षद हकीम मोहम्मद लगातार धमकाते थे। युवती ने अपने साथ इस मामले में कई बार मारपीट करने, गला दबाने और जान से मारने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया है। रेप पीड़िता का कहना है कि उसे बार-बार धमकी दी जा रही थी कि उसके किसी करीबी रिश्तेदार को भी रेप के केस में फंसा दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि ऐसी कोशिश भी हुई थी, फिर नाटकीय ढंग से रेप पीड़िता की मां को ही ऐसे मामले में फंसा दिया गया।
पुलिस का दावा है कि रेप के आरोपी के बुआ के लड़के के साथ रेप पीड़िता की मां ने अश्लील हरकत की है। इस आरोप पर किसी को भी यकीन नहीं हो रहा, लेकिन पुलिस ने इस मामले में विद्युत की गति से कार्यवाही करते हुए महिला को जेल भी भेज दिया, इसीलिए इस मामले में सेटिंग होने और राजनीतिक रसूख की बात भी सामने आ रही है, जिसे लेकर आंदोलनकारी संबंधित पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग कर रहे हैं।
लोगों का कहना है कि इस पूरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड भाजपा पार्षद हकीम मोहम्मद ही है लेकिन अब तक सिर्फ उसका नाम ही आ रहा था। अब रेप पीड़िता ने बाकायदा उसका नाम लेते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। आंदोलनकारी उसके भी खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग कर रहे हैं, जिस 10 साल के लड़के की शिकायत पर रेप पीड़िता की मां के खिलाफ कार्यवाही हुई है, उस लड़के की मां के खिलाफ भी रेप पीड़िता ने धमकी देने, मारपीट करने, केस वापस लेने के लिए कहने की शिकायत की है। लड़की का स्पष्ट कहना है कि इस पूरे मामले में पहले उसे समझौता करने के लिए विवश किया गया , जब बात नहीं बनी तो पुलिस के साथ मिलकर उसकी मां को फंसाया गया है। रेप पीड़िता की माँ ही घर की एकमात्र कमाऊ सदस्य थी, उसके जेल चले जाने से परिवार भूखों मर सकता है, यही सोच कर यह पूरा खेल खेला गया है। इस पूरे मामले में दो संप्रदाय के आमने-सामने होने से हालात कभी भी बिगड़ सकते हैं, जिसे देखते हुए रतनपुर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। इस मुद्दे को लेकर रतनपुर में बड़ा जन आक्रोश देखा जा रहा है। महिला के खिलाफ आरोप लगाने वाले पक्ष के स्वजाति भी इस मामले को षड्यंत्र मान रहे हैं और उन्हें भी लगता है कि रेप पीड़िता की मां के साथ अन्याय किया गया है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि महिला के खिलाफ जिन कठोर धाराओं के तहत कार्यवाही की गई है क्या उसकी वापसी संभव है ?
क्या कह रहे हैं कानून के जानकार
इधर वकील और आम आदमी पार्टी की नेता प्रियंका शुक्ला का कहना है कि इस घटना ने महिलाओं को हतोत्साहित किया है। ऐसी घटना के बाद कोई भी पीड़ित महिला थाने जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाएगी, क्योंकि उसे हमेशा यह डर रहेगा कि कहीं उसके शिकायत करने पर उसके परिजन को किसी झूठे मामले में फंसा ना दिया जाए। इस मामले के कानूनी पहलुओं पर भी जानकार वकील विचार मंथन कर रहे हैं। अब तक जो फीडबैक सामने आया है उसमें पुलिस अपनी कार्यवाही को जायज ठहरा रही है इसलिए मामले की जांच करने जैसी कोई बात अब तक सामने नहीं आ पाई है, लेकिन इस मुद्दे को लेकर जिस तरह से धीरे-धीरे राजनीति गर्मा रही है उससे इतना तो जाहिर है कि इस मामले को यूं ठंडे बस्ते में डालना किसी के लिए भी आसान नहीं होगा।
