अपने स्वर्गीय परिजनों को श्रद्धांजलि देने का पर्व है पोंगल, इस पर्व पर कोदंड रामालयम मंदिर और दक्षिण भारतीय घरों में हुई विशेष पूजा-अर्चना

बिलासपुर, रेल्वे परिक्षेत्र, एन ई कालोनी में स्थित श्री राम मंदिर एवं श्री बालाजी मंदिर प्रांगण में मकर संक्रांति के दिन सुबह से रात्री 9 बजे तक क्रम अनुसार (टोली में) दिनभर हजारों कि संख्या में श्रद्धालुओं ने अपनी सुविधा अनुसार दान-पुण्य के लिए पंडित जी को घर बुलाकर या मंदिर आ कर अपने परिवार के स्वर्गवास हुए प्रियजनों की आत्मा की शांति के लिए पंडित श्री सूर्य प्रकाश शर्मा जी एवं श्री नाराययन्न आचार्लु से शांति पाठ कराकर उन प्रियजनों की शांति के लिए प्रर्थना कर अपनी शक्ति अनुसार दान-पुण्य किया। श्रद्धालु अपने अपने घर जाकर पूजा पाठ कर हर्ष उल्लास के साथ एक दूसरे से मिले।

मान्यता है कि इस अवसर पर दिया गया दान 100 गुना बढ़कर पुन: प्राप्त होता है। सूर्य का उत्तरायण होना शुभता और पुण्य का प्रतीक भी माना जाता है। सांकेतिक रूप से यह भी कह सकते हैं कि मकर संक्रांति से दिन की अवधि बढ़ने से जीवन अंधकार से प्रकाश की ओर गतिशील होता है।

पूजा अर्चना एवं धार्मिक अनुष्ठान को नियम एवं सुचारू रूप से करवाने हेतू मंदिर समिति के सदस्य जिसमें सर्वश्री आर. वीरास्वामी (अध्यक्ष), पट्नायक विपिन प्रसाद (कार्यवाहक अध्यक्ष), एस. साई. भास्कर (सचिव), रविकन्ना ( सह सचिव), पी.धर्मा राव (कोषाध्यक्ष), ई. सिम्माचलम ( सह कोषाध्यक्ष), पंच प्रबंधक सदस्य (बी. शंकर राव, एल श्री निवास, प्रभाकर राव, जी. एस. प्रकाश टी. राजेश) ने निर्णय लिया।

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