

आगामी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी किसे अवसर देगी, यह अभी भविष्य के गर्भ में है, लेकिन इससे पहले अचानक बिलासपुर में पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल तेजी से सक्रिय होते दिख रहे हैं। विकास खोजो अभियान के तहत 30 वार्डों में सरकार की खिलाफत करने के बाद उन्होंने 22 मार्च से 15 अप्रैल तक बिलासपुर शहर के अधूरे कार्यों एवं बदहाल व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया।
विकास को तरसता बिलासपुर, अधूरे विकास की कहानी के तहत उन्होंने 11 समस्याओं पर ध्यान आकर्षित किया, जिसमें आधे अधूरे प्रगति मैदान के सपने, जिला खेल परिसर की दुर्दशा, बदहाल सिटी बस सेवा, तालापारा और अन्य तालाब की बदहाली, जतिया तालाब का लंबित सौंदर्यीकरण , अमृत मिशन योजना , अरपा परियोजना सच झूठ , स्मार्ट सिटी, उद्यानों का सौंदर्यीकरण और बदहाली, बहतराई खेल परिसर में गड़बड़झाला और सीवरेज परियोजना का मुद्दा उठाया। जिसके बाद वे प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पत्रकारों से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने किसी नए काम का वादा नहीं किया था। उनका लक्ष्य था सारे अधूरे कार्यों को तय समय सीमा में पूरा करना। लेकिन सत्ता में आए कांग्रेस की सरकार ने इन साढ़े 4 सालों में 3 कार्यों को छोड़कर कोई भी काम पूरा नहीं किया। उनमें से भी सभी योजनाएं भाजपा शासनकाल की थी। मौजूदा सरकार एक भी अधूरा कार्य पूरा नहीं कर पायी। श्री अग्रवाल ने कहा कि इससे पहले भी वे विकास खोजो अभियान के तहत 30 वार्डों में जा चुके हैं, जहां बुनियादी सुविधाओं के लिए भी तरसते नागरिकों की समस्याओं को उन्होंने सबके सामने लाया था।

इस बार बिलासपुर में आज आधे अधूरे विकास को उजागर करते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा योजना के तहत अमृत मिशन पूरी तरह नाकाम साबित होगा। सिटी बस योजना को भी ध्वस्त करने का उन्होंने मौजूदा सरकार पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अरपा नदी को बेरहमी से लूटा जा रहा है। हालात यह है कि कांग्रेस के ही नेता अपनी ही सरकार के खिलाफत पर उतर आए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि 4000 करोड़ की स्मार्ट सिटी योजना का मौजूदा सरकार कोई कार्य पूरा नही करा पायी है ।

इस दौरान पहली मर्तबा अमर अग्रवाल ने माना कि सीवरेज परियोजना के लिए उन्हें सर्वाधिक आलोचना का शिकार होना पड़ा। इससे उन्हें व्यक्तिगत तौर पर भी नुकसान हुआ। उनका मानना है कि उनके कार्यकाल में सीवरेज का 90% काम पूरा हो गया था लेकिन शेष 10% काम भी इन साढ़े 4 सालों में पूरा नहीं हो पाया। अमर अग्रवाल का मानना है कि सीवरेज परियोजना पूरी तरह सफल हो सकती है ।उन्होंने कहा कि अगर उनकी सत्ता में वापसी होती है तो वे प्राथमिकता के साथ सीवरेज परियोजना को पूरा करेंगे। इस परियोजना को लेकर हुए भ्रष्टाचार के आरोप में उन्होंने दो टूक कहा कि कोई भी एजेंसी इसकी जांच कर ले और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करें।
पहली बार अमर अग्रवाल ने सीवरेज परियोजना के लिए हुई जनता को परेशानी के लिए क्षमा भी मांगी। साथ ही उन्होंने कहा कि परियोजना अब भी सफल हो सकती है। फिलहाल घर से मुख्य चेंबर तक सप्लाई लाइन जोड़ना है लेकिन मौजूदा सरकार इसे चला नहीं पा रही है। श्री अग्रवाल ने आरोप लगाया कि बिलासपुर में विकास को लेकर राज्य सरकार और जनप्रतिनिधियों की कोई रुचि नहीं है। इसी कारण से बिलासपुर की दुर्गति हो रही है। पूरे प्रदेश में अपराध बढ़े हैं। बिलासपुर आगे जाने की बजाय रिवर्स में जा रहा है।
मैग्नेट मैग्नेटो मॉल का निर्माण तालाब की जमीन पर होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसकी भी जांच करा ले । उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में जारी नियमितीकरण नहीं होना चाहिए। इससे शहर के मास्टर प्लान पर बुरा असर पड़ता है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उनके शासनकाल में भी यही गलती हुई है, लेकिन पहले यह व्यवस्था स्वैच्छिक थी और अब लोगों पर इसके लिए दबाव बनाया जा रहा है।
अमर अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि बिलासपुर में आधे अधूरे विकास को अवसर मिला तो उनकी ही सरकार पूरी करेगी। उन्होंने कहा कि इस बार भी उनका एजेंडा अधूरे विकास कार्यों को पूरा करना ही रहेगा, साथ ही शहर को अपराध मुक्त कराना भी उनकी प्राथमिकता होगी। उन्होंने दो टूक कहा कि जमीन की लूट करने वालों के खिलाफ आयोग बनाकर इसकी जांच की जाएगी और एक-एक जमीन लोगों को वापस लौटाई जाएगी। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट मिलेगा या नहीं, यह पार्टी तय करेगी, लेकिन एक नागरिक होने के तौर पर वे हमेशा ही शहर के हित में आवाज उठाते रहेंगे। इसी दौरान उन्होंने नाम लिए बगैर बिलासपुर के जनप्रतिनिधियों पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि आलोचना उनकी होती है जो कर्म करते हैं। कर्महीन की तो चर्चा भी नहीं होती। अमर अग्रवाल ने कहा कि नौटंकी बाज और तमाशबीनों के लिए कुछ कहने को उनके पास समय नहीं है। वैसे अचानक पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल की इस सक्रियता को लोग उनकी टिकट की दावेदारी से भी जोड़कर देख रहे है।

