

23 मार्च 1931 को देश के लिए हंसते-हंसते शहीद ए आजम भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव फांसी के फंदे पर झूल गए थे। उनकी याद में हर वर्ष इस दिन शहीद दिवस मनाया जाता है। जब देश के लिए सर्वोच्च बलिदान करने वाले अमर शहीदों को याद किया जाता है। आज हम आजादी की हवा में सांस ले रहे हैं तो इसके पीछे ऐसे ही अमर बलिदानियों का संपूर्ण समर्पण है।

23 मार्च शहीद दिवस पर बिलासपुर के सीएमडी चौक स्थित अमर जवान स्मारक स्थल पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। शहीदों की याद में मोमबत्ती और दीपक जलाए गए और देश की आजादी के लिए हंसते-हंसते अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को अश्रुपूरित नेत्रों से नमन किया गया। इस अवसर पर विभिन्न संगठनों और बिलासपुर के नागरिकों ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि देने वालों में रिटायर्ड सिपाही महासंघ के भूतपूर्व सैनिक महेंद्र प्रताप सिंह राणा और उनकी साथी सैनिक भी मौजूद रहे। एक्स आर्मी मैन ने शहीदों को सलामी दी। इस मौके पर विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों ने भी स्मारक स्थल पर दीप प्रज्वलित कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की और अमर शहीदों को नमन किया।

