बिलासपुर विधानसभा में 1 घंटे में ही खत्म हुआ राज्य सरकार के खिलाफ चक्का जाम, आंदोलन के दौरान अपने ही पार्टी के कार्यकर्ताओं की अनुशासनहीनता से नाराज हो गए पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल

आलोक मित्तल

साजिश रच कर एक के बाद एक भाजपा नेताओं की राजनीतिक हत्या के विरोध में भारतीय जनता पार्टी प्रदेश के सभी 78 विधानसभाओं में चक्का जाम आंदोलन कर रही है । इन हत्याओ का आरोप भले ही नक्सलियों पर लगाया जा रहा है लेकिन भाजपा का कहना है कि नक्सलियों को प्रदेश सरकार संरक्षण दे रही है और आगामी चुनाव प्रभावित करने के लिए उद्देश्य से भाजपा कार्यकर्ताओं को डराने के मकसद से यह हत्यायें की जा रही है । भाजपा नेताओं की चुन चुन कर हत्या लोकतंत्र को लहू तंत्र में बदल रही है। कांग्रेस पार्टी को सत्ता से उखाड़ फेंकने का आह्वान करते हुए प्रदेश व्यापी आंदोलन किया जा रहा है।


प्रदेश में हालांकि आंदोलन दोपहर 2:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक किया जाना है लेकिन बिलासपुर विधानसभा में यह आंदोलन समय से पहले ही शुरू हो गया। असल में बिलासपुर में पूर्व मंत्री और दिग्गज भाजपा नेता अमर अग्रवाल द्वारा श्री राम कथा का आयोजन कराया जा रहा है। उस समय आंदोलन करने के लिए ना तो कार्यकर्ता मिलेंगे और ना ही अमर अग्रवाल ही फुर्सत में होंगे , इसीलिए बिलासपुर विधानसभा के भाजपा कार्यकर्ताओं ने उसलापुर उसलापुर ब्रिज के पास सुबह ही चक्का जाम कर दिया। कार्यकर्ता इस कदर आक्रोशित और उत्साहित नजर आए कि वे अपने नेता के निर्देशों का भी पालन करना भूल गए।


बिलासपुर मुंगेली मार्ग पर उसलापुर ओवरब्रिज के बिलासपुर छोर पर चक्का जाम करने से यहां दोनों और वाहनों की लंबी कतारें लग गई। भाजपा का उद्देश्य सरकार का विरोध करना है लेकिन आम जनता का कोप भाजन बनना नहीं है। चक्का जाम के दौरान इस जाम में स्कूली बच्चे, एंबुलेंस और बुजुर्ग भी फंसते नजर आए। पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने निर्देश दिया कि मरीजों और स्कूली बच्चों को इस चक्काजाम से रियायत देते हुए उन्हें आने-जाने दिया जाए, लेकिन नारेबाजी और मीडिया में फोटो खिंचवाने की होड़ में कार्यकर्ता अपने नेता के निर्देशों को भी नजरअंदाज करते दिखे, जिससे अमर अग्रवाल खफा हो गए और वे आंदोलन छोड़ चक्का जाम स्थल से दूर जा खड़े हुए।


अपने नेता को यूं नाराज देखकर भाजपा कार्यकर्ताओं के होश ठिकाने लगे और वे मान मनुव्वल कर उन्हें वापस धरना में शामिल होने की मनुहार करते दिखे, हालांकि अमर अग्रवाल काफी समय तक अपने ही कार्यकर्ताओं से नाराज नजर आए । इस अवसर पर बिलासपुर के पार्षद, भाजपा के अलग-अलग अनुषांगिक संगठनों के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी मौजूद रहे।

बिलासपुर सीट से अमर अग्रवाल को अगले विधानसभा में टिकट मिलेगी या नहीं मिलेगी इसे लेकर लगातार कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन फिलहाल यह निर्विवाद सत्य है कि वर्तमान में बिलासपुर में उनसे बड़ा भाजपा का दूसरा कोई नेता नहीं है, लेकिन शुक्रवार को जिस तरह से कार्यकर्ताओं के आगे वे बेबस नजर आए, ऐसा इससे पहले कभी नहीं देखा गया था, जिस लेकर धरना स्थल पर खूब चर्चा भी होती रही।

बिलासपुर विधानसभा में धरना प्रदर्शन के लिए दोपहर 12:00 से 2:00 तक का समय निर्धारित किया गया था लेकिन पूर्वमंत्री अमर अग्रवाल की नाराजगी के चलते यह धरना 1 घंटे पहले ही खत्म हो गया। इस दौरान मीडिया में बाइट देने के समय कार्यकर्ताओं की धक्का-मुक्की से एक बार फिर अमर अग्रवाल नाराज हो गए। खासकर पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल पश्चिम मंडल के अध्यक्ष अजीत सिंह भोगल से खफा दिखे।

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