बिलासपुर। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल के सक्षम नेतृत्व एवं कुशल मार्गदर्शन में कंपनी अधिनियम 2013 के सेक्शन 8 के दो कंपनियों जीजीवी सीएसआर फाउंडेशन एवं जीजीवी स्टार्टअप फाउंडेशन की स्थापना की गई। यह पहला अवसर है जबकि विश्वविद्यालय में स्थापना उपरांत किसी कंपनी की स्थापना की गई हो। विश्वविद्यालय के प्रशाशनिक भवन के सभाकक्ष में दिनांक 07 फरवरी 2023 को सायं 4 बजे माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल की उपस्थिति में आयोजित हुई बैठक में दोनों कंपनियों के सभी निदेशकों सहित कंपनी सचिव उपस्थित रहे।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि इन दोनों कंपनियों की स्थापना से विश्वविद्यालय डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से वैश्विक मानचित्र पर अपनी पहचान बनाएगा। उन्होंने कहा कि गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के विद्यार्थी रोजगार लेने वाले नहीं बल्कि रोजगार सृजित कर देने वाले बनेंगे। केन्द्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में निर्दिष्ट अनुभवजन्य शिक्षा के तत्व को प्राथमिकता प्रदान करते हुए इन कंपनियों की स्थापना की गई है। इससे विद्यार्थी स्वावंलबन के साथ आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना सक्रिय योगदान प्रदान करेंगे।
कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों में असीम संभावनाएं हैं। यहां मशरूम उत्पादन, काष्ठकला, जैविक खेती, जैविक खाद, लाख उत्पाद एवं मछली पालन आदि पर ग्रामीण प्रौद्योगिकी एवं सामजिक विकास विभाग निरंतर सकारात्मक प्रयास कर रहा है। इन उत्पादों को जीजीवी स्टार्टअप फाउंडेशन कंपनी के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाएगा।
कंपनी के निदेशक एवं विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव ने बी इस अवसर पर अपने विचार रखे। बैठक में पूर्व निर्धारित बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई। धन्यवाद ज्ञापन कंपनी सेक्रेटरी श्री सतीश शर्मा एवं श्री यश गुरनानी ने एवं संचालन डॉ. अमित खासकलम ने किया।
कंपनियों के निदेशक
जीजीवी सीएसआर फाउंडेशन प्रो. मनीष श्रीवास्तव एवं प्रो. शरद चंद्र श्रीवास्तव।
जीजीवी स्टार्टअप फाउंडेशन प्रो. मनीष श्रीवास्तव, प्रो. शरद चंद्र श्रीवास्तव एवं प्रो. विशन सिंह राठौड़।
कंपनी स्थापना का उद्देश्य
जीजीवी सीएसआर फाउंडेशन एवं जीजीवी स्टार्टअप फाउंडेशन कंपनियों के माध्यम से विश्वविद्यालय में शोध, अनुसंधान एवं नवाचार की गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा।
नवीन शोध, नवाचार व नवप्रयोगों को व्यापक रूप से प्रसारित करने हेतु डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध विभिन्न माध्यमों का उपयोग किया जाएगा। साथ ही इससे होने वाली आय को शोध, शिक्षकों एवं शोधार्थियों द्वारा किये जाने वाले विभिन्न नये प्रयोगों तथा स्टार्ट अप के लिए कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉसिबिलिटी के तहत अनुदान के रूप में इनकी आवश्यकताओं की पूर्ति की जाएगी।