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गणतंत्र दिवस पर संकुल संकुल केंद्र पोड़ी स्थित पूर्व माध्यमिक शाला नवागांव मोहदा में शर्मनाक घटना हुई। बच्चों के सामने आदर्श प्रस्तुत करने की बजाय नेता ध्वज फहराने के लिए आपस में ही भिड़ गए ।इस दौरान इन नेताओं ने मर्यादाओं को तार तार करते हुए बच्चों के सामने ही जमकर गाली-गलौज कर राष्ट्रीय पर्व पर पूरे आयोजन को कलंकित किया। स्कूल में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान झंडा कौन फहरायेगा इस विवाद में जोन प्रभारी संतोष साहू और पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष महावीर साहू आपस में भीड़ गए। झंडा फहराने की होड़ से शुरू हुआ विवाद गाली-गलौज और हाथापाई तक जा पहुंचा। इन लोगों ने यह भी ध्यान नहीं दिया कि उनकी यह हरकत मासूम बच्चे देख रहे हैं, जिन पर इसका क्या असर पड़ेगा।

गणतंत्र दिवस भारतीय संविधान निर्माण का दिवस है। संविधान जो हमें मर्यादा में रहना सिखाता है, लेकिन जनप्रतिनिधि गणतंत्र दिवस पर अमर्यादित होते दिखे । महावीर साहू विकास समिति का अध्यक्ष भी है जो सरपंच द्वारा झंडा फहराया जाने की वकालत कर रहे थे, लेकिन संतोष साहू खुद झंडा फहराना चाहते थे। हालात यह हो गया कि उद्घोषक ने डर के मारे उद्घोषणा करने से भी इनकार करते हुए माइक प्राचार्य को थमा दिया जिन्होंने मध्य मार्ग निकालते हुए अतिथियों के बजाय स्कूल के बच्चों द्वारा ध्वज फहरवाया ।

किसी तरह ले देकर गणतंत्र दिवस समारोह संपन्न हुआ, लेकिन जिस तरह से अतिथि रुपी जनप्रतिनिधियों ने झंडा फहराने को लेकर अमर्यादित व्यवहार किया उससे पूरे आयोजन की गरिमा गर्त में जाती नजर आई। सत्तारूढ़ पार्टी का हिस्सा होने की वजह से गांव के छोटे-छोटे नेताओं की भी अपेक्षा है कि वे राष्ट्रीय पर्व पर झंडा फहराएंगे। कुछ नेता ऐसी आकांक्षाओं का गला घोट लेते हैं, लेकिन कुछ इस तरह से मारपीट पर भी उतारू हो जाते हैं, जिस वजह से आयोजकों को भी बच्चों के सामने शर्मसार होना पड़ा।
