एक बार फिर भाजपा और बजरंग दल ने मुंगेली नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ खोला मोर्चा , बजरंग अखाड़ा- तालाब की जमीन और जाति मुद्दे पर प्रशासन को घेरा

आकाश दत्त मिश्रा

मंगलवार को एक बार फिर भाजपा के अलग-अलग अनुषांगिक संगठनों ने मुंगेली नगर पालिका अध्यक्ष हेमेंद्र गोस्वामी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया । हजारों की संख्या में कार्यकर्ता शहर भ्रमण कर कलेक्ट्रेट पहुंचे। एक तरफ भाजपा, भाजयुमो और महिला मोर्चा की कार्यकर्ता शामिल थी तो वही बजरंग दल के कार्यकर्ता भी वानर मुखौटा लगाए इस आंदोलन का हिस्सा बने।
शहर में फिल्म डॉन के लोकप्रिय गीत की पैरोडी बनाकर हेमेंद्र गोस्वामी को निशाना बनाया गया। कलेक्ट्रेट परिसर में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने वानर सेना बनकर कलेक्टर परिसर में बनाए गए बैरिकेड को ध्वस्त कर दिया, जिनकी पुलिस से भी झड़प हुई। जिसके बाद यह लोग परिसर में ही हनुमान चालीसा का पाठ करने बैठ गए। बजरंग दल ने आरोप लगाया कि हेमेंद्र गोस्वामी ने सरकारी दस्तावेज में हेरफेर कर अपने खास व्यक्ति के नाम बजरंग अखाड़ा की जमीन कर दी है। इस जमीन को वापस देने की मांग बजरंगी कर रहे थे, तो वही भाजपा के अलग-अलग संगठनों ने आरोप लगाया कि मुंगेली के नगर पालिका अध्यक्ष जल स्रोतों को जमीन में तब्दील करने में लगे हुए हैं।

पशु पक्षी और अन्य जीव-जंतुओं के पेयजल के स्रोत को छीन कर उसे जमीन में तब्दील किया जा रहा है ताकि इस जमीन की प्लॉटिंग कर मुनाफा कमाया जा सके। तो वही हेमेंद्र गोस्वामी के जाति मामले पर प्रशासन से मिल रही तारीख पर तारीख के मुद्दे पर सवाल खड़े करते हुए आरोप लगया गया कि जिला प्रशासन सरकार के इशारे पर काम कर रही है। तभी जाति मामले में पर्याप्त प्रमाण के बाद भी मामले में कार्यवाही की जगह तारीख पे तारीख दी जा रही है। इस मामले में कलेक्टर को ज्ञापन सौंप पर तत्काल कार्रवाई की मांग की गई।


चुनावी वर्ष में भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से हमलावर नजर आ रही है, जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण मंगलवार को मुंगेली में दिखा। जहां विधायक पुन्नूलाल मोहले के नेतृत्व में भाजपा के अलग-अलग संगठनों ने अपनी पूरी ताकत दर्शाते हुए मुंगेली नगरपालिका अध्यक्ष हेमेंद्र गोस्वामी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। भाजपाइयों ने कहा की हेमेंद्र गोस्वामी ने नगर पालिका अध्यक्ष का पद छल कपट से हासिल किया है इसलिए उन्हें कुदरत के इंसाफ का शिकार होना पड़ा है और वे स्वयं विभिन्न आरोपों में घिर कर अपना पद गंवाने की कगार पर है।

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