
आकाश दत्त मिश्रा

मुंगेली नगर पालिका परिषद में जारी घमासान के तहत अब भाजपा के निष्कासित पार्षद और नगर पालिका परिषद के उपाध्यक्ष मोहन मल्लाह की कुर्सी जानी लगभग तय है। कुल 22 सदस्यों वाले परिषद में चुनाव के बाद भाजपा के पास 11 पार्षद थे ,तो वही 10 कांग्रेसी पार्षदों को एक निर्दलीय पार्षद का समर्थन प्राप्त था। हाल ही में पांच भाजपा पार्षदों के निष्कासन के बाद तीन पार्षदों ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली, जिससे कांग्रेस पार्षदों की संख्या बढ़कर 13 हो गई। पार्षदों की संख्या निर्णायक स्तर पर पहुंचते ही शह और मात का खेल आरंभ हो गया।
एक दिन पहले मुंगेली नगर पालिका अध्यक्ष हेमेंद्र गोस्वामी के नेतृत्व में 13 पार्षदों का समर्थन पत्र देते हुए नगर पालिका परिषद उपाध्यक्ष मोहन मल्लाह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की मांग की गई । इस संबंध में S भारत न्यूज़ के साथ चर्चा करते हुए मोहन मल्लाह ने दावा किया कि उन्हें कांग्रेस में शामिल होने और वर्तमान अध्यक्ष की जाति विवाद के मुद्दे पर कदम खींचने की शर्त पर पद पर बनाए रखने का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन उन्होंने अंतरात्मा की आवाज सुनते हुए इन दोनों प्रस्तावों को ठुकरा दिया।

हालांकि मौजूदा स्थिति में भाजपा पार्षद मोहन मल्लाह का निष्कासन निरस्त नहीं हुआ है, लेकिन पार्टी के भीतर से उन्हें वापसी के संकेत मिल चुके हैं। इसके बाद से वे लगातार सक्रिय है। मोहन मल्लाह का भी मानना है कि वर्तमान में परिषद में कांग्रेस पार्षदों की संख्या निर्णायक है, इसलिए उनकी कुर्सी जानी तय है, लेकिन वह यह भी कहते हैं कि यह सब कुछ साजिश के तहत किया जा रहा है। उन्होंने पिछले दिनों जो मुद्दे उठाए थे इस वजह से उन पर इस तरह से हमले किए गए। साथ ही वर्तमान उपाध्यक्ष मोहन मल्लाह ने यह चेतावनी भी दी है कि उनकी कुर्सी जाने के बावजूद वे चुप बैठने वाले नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान में मुंगेली में धन बल और न्यूनतम स्तर की राजनीति का परिणाम सभी देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि मतदाता से भी यह बातें छुपी नहीं है। इसका जवाब वोटर आने वाले चुनाव में देगा। वहीं उन्होंने जवाबी कार्यवाही की भी बात कही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि उनके वार्ड में अवैध प्लाटिंग का खेल जोरों पर जारी है। जाहिर है शिवाजी वार्ड के पार्षद होने के नाते आने वाले दिनों में इस समस्या का सामना उन्हें ही करना पड़ेगा। उन्होंने नाम न लेते हुए भी इशारो इशारो में बताया कि इस अवैध प्लाटिंग के पीछे किसकी भूमिका है। उन्होंने कहा कि उन्हें भाजपा और पार्टी के बड़े नेताओं का पूरा समर्थन हासिल है और उनके साथ चर्चा के बाद वे इस मुद्दे को हर मंच पर उठाते हुए कोर्ट में भी चुनौती देंगे ।

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मुंगेली नगर पालिका परिषद में अभूतपूर्व वित्तीय अनियमितता देखी जा रही है। बिना टेंडर के ही बड़े बड़े ठेके अपने चाहतों को दिए जा रहे हैं ।अनाप-शनाप बिल का भुगतान किया जा रहा है। कचरे के कंटेनर की खरीदी में भी भारी घोटाला का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे पर अदालत जाएंगे और मौजूदा नगर पालिका परिषद से वित्तीय अधिकार छीनने की मांग करेंगे ।
तू डाल- डाल, तो मैं पात- पात वाले अंदाज में भाजपा से निष्कासित पार्षद मोहन मल्लाह प्रतिशोध लेने की तैयारी में नजर आ रहे हैं ।उनका दावा है कि पार्टी से निष्कासित मोहित बंजारा और मोहन मल्लाह की वापसी की औपचारिकता भर बची है और वे संगठन के लिए ही पूरी तरह समर्पित होकर कार्य कर रहे हैं, जिनके निर्देश पर आगामी दिनों में नगर पालिका परिषद अध्यक्ष के खिलाफ बड़े पैमाने पर मोर्चा खोला जाएगा। यानी यह लड़ाई अभी शुरुआत तौर में ही है। आने वाले दिनों में इसमें कई और हैरान करने वाले मोड़ आ सकते हैं।
