बिलासपुर रेलवे क्षेत्र स्थित कोदंड राम मंदिर में शनिवार को स्वामी अय्यप्पा की विशेष पूजा का आयोजन, भजन कीर्तन के साथ महाप्रसाद ग्रहण करने दूर-दूर से पहुंचेंगे श्रद्धालु

बिलासपुर, रेल्वे परिक्षेत्र में स्थित श्री राम मंदिर एवं श्री बालाजी मंदिर के परिसर में अखिल भारतीय अय्यप्पा सेवा संगम के सदस्यों के द्वारा एवं बालाजी वेंकटेश मंदिर के सदस्यों के ओर से दिनांक 24 दिसंबर, दिन शनिवार को भगवान श्री अय्यप्पा स्वामी जी का पूजा अर्चना, भजन कीर्तन सुबह 8 बजे से 11:30 बजे तक किया जावेगा। पूजा अर्चना के बाद आये हुऐ सभी भक्तजनों के लिये महाप्रसाद (अन्नदान) किया जावेगा। भगवान श्री अय्यप्पा स्वामी जी का मण्डप केले झाड़ के छिलके से बनाया गया। इस पूजा में मंदिर समिति के पदाधिकारीगण एवं सदस्यों का भी महत्वपूर्ण योगदान है।

मंदिर के पुजारी श्री सूर्य प्रकाश शर्मा जी एवं नाराययन्न आचार्लु के अनुसार भगवान श्री अय्यप्पा स्वामी जी का पूजा का विधि विधान नियम यह है कि – जो भी पुरुष दीक्षा लेते हैं विशिष्ट अनुष्ठान पूजा अर्चना के बाद केरल में स्थित सबरीमाला में भगवान श्री अय्यप्पा स्वामी जी का मंदिर दर्शन करने जाते हैं। दीक्षा 41 दिन या अधिक लेकिन 41 दिनों से कम नहीं होना चाहिए। जो दीक्षा लेते हैं उन्हें स्वामी शरणं अय्यप्पा से संबोधित करते हैं। दीक्षा लेने वाले पुरुष भक्तजन केवल काले वस्त्र ही धारण करते हैं, कोई अन्य रंग के वस्त्र नहीं पहनते हैं। फर्श पर सोते हैं, दोपहर को नहीं सोते हैं, डांटना या झूठ नहीं बोलते हैं, अपने मन को पवित्रता के साथ रखते हैं, सुबह 4 बजे ब्रम्ह मूर्त में उठते हैं, दिन में दो बार सूर्योदय से पहले, सूर्योस्त के बाद पूजा करते, बालों में तेल नहीं लागते हैं, बुरी आदतों से दूर रहते हैं, दिन में दो बार ठंडा पानी से नहाते हैं, बिना मिर्च, मसाला, प्याज, लहसून सिर्फ सात्विक भोजन, अपने द्वारा या अन्य स्वामियों के द्वारा बनाया हुआ भोजन ही ग्रहण करते हैं, दिन में एक बार ही भोजन करते हैं और सन्ध्याकाल में स्वल्पाहार करते हैं, चप्पल नहीं पहनते हैं, बाल नाखून, दाढ़ी नहीं बनाते हैं। एक तरह से 41 दिन ब्रम्हचारीयों के तरह ही जीवन यापन करते हैं। दीक्षा का यह सब नियम एक वैज्ञानिक दृषिटकोण से भी महत्वपूर्ण हैं।

पूजा अर्चना एवं भजन कीर्तन को सुचारू रूप से एवं आनंदमय वातावरण में करने के लिये मंदिर समिति के पदाधिकारीगण एवं सदस्यगण जिसमें सर्वश्री आर वीरा स्वामी (अध्यक्ष), पटनायक विपिन प्रसाद (कार्य वाहक अध्यक्ष), एस साईं भास्कर (सचिव), रविकन्ना (सहसचिव), पी धर्माराव (कोषाध्यक्ष), ई सिम्हाचलम (सहकोषाध्यक्ष), पंच प्रबंधक सदस्य (बी शंकर राव, एल श्रीनिवास, आर प्रभाकर राव, जी एस प्रकाश, टी राजेश) एवं भक्तजन तैयारी में लगे हुए हैं।

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