लंदन रिटर्न बिलासपुर के फिल्म लेखक ने ली छत्तीसगढ़ की अनछुई खूबसूरती को फिल्मी कैनवास के जरिए देश-विदेश पहुंचाने की जिम्मेदारी, प्रेस क्लब में बताया, स्थानीय कलाकारों को भी अवसर देने की है इच्छा

आकाश दत्त मिश्रा

बिलासपुर / छत्तीसगढ़ के अलग-अलग क्षेत्रों में जंगलों के बीच फिल्म निर्माण की दृष्टि से एक से बढ़कर एक स्पॉट हैं जहां की प्राकृतिक सुंदरता और घने जंगलों की खूबसूरती को फिल्मों में कैद करने के बाद उसे लंदन तक ले जाया जाएगा। जल्द ही छत्तीसगढ़ के विभिन्न पर्यटन स्थलों में छत्तीसगढ़ी फिल्मों का फिल्मांकन किया जाएगा। यहां वेब सीरीज भी बनाई जाएगी इसके जरिए छत्तीसगढ़ की खूबसूरत धरा को फिल्म और ओटीटी के माध्यम से विदेशों में ले जाकर प्रचार प्रसार किया जाएगा। यह कहना है मृत्युंजय शुक्ला का जो इन दिनों फिल्म निर्माण की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। रविवार को बिलासपुर प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने ये बातें कही। बिलासपुर के मूल निवासी मृत्युंजय शुक्ला इन दिनों लंदन में रहकर मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब कर रहे है। लंदन की एक प्रमुख आईटी कंपनी में वरिष्ठ पद पर कार्यरत रहते हुए कथा लेखन तथा फिल्मों में अपनी रुचि को मूर्त रूप दे रहे है।

हाल ही में उन्होंने कर्नाटक में कन्नड़ भाषा में ‘होसा दिनाचारी’ (सूर्य की प्रथम किरण ) फ़िल्म का निर्माण किया है, जिसका प्रीमियर 11 दिसंबर 2022 को बेंगलुरु में होने जा रहा है। यह फिल्म आज के परिवेश में बदलते रिश्तो तथा विषम परिस्थितियों में घिरे होने के बावजूद, प्रेम व समर्पण से रिश्तो को मजबूती देते हुए,जीवन को सार्थक व सकारात्मक बनाकर चलते हुए किरदारों के बारे में है।आगामी वर्ष में कुल 2 नई फिल्मों तथा एक वेब सीरीज बनाने की उन्होंने घोषणा की है। जिसमे निर्माण तथा लेखन मुख्यता मृत्युंजय शुक्ला का ही होगा। उन्होंने बताया कि फ़िल्म और वेब सीरीज को लेकर छत्तीसगढ़ी कलाकार और निर्माता निर्देशकों से उनकी चर्चा चल रही है।अपने भविष्य की योजनाओं को छत्तीसगढ़ में मूर्त रूप देने लंदन स्थित कंपनी स्कूल इन मीडिया के बैनर तले छत्तीसगढ़ी कलाकारों को मंच प्रदान किया जाएगा।श्री शुक्ला ने बताया कि उन्होंने छत्तीसगढ़ के अलग-अलग पर्यटन स्थलों में जाकर स्थल का अवलोकन किया है। कई फिल्म के निर्देशको को यहां के लोकेशन की फोटो और वीडियो भी भेजी है ताकि छत्तीसगढ़ के इस खूबसूरत स्थल को फिल्मों में ज्यादा से ज्यादा महत्व मिल सके, और यहां के पर्यटन स्थलों की लोगों को जानकारी मिल सके। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में फिल्म की दृष्टि से काफी कुछ है मगर बेहतर तरीके से प्रचार प्रसार ना हो पाने की वजह से इन स्थलों का सदुपयोग नहीं हो पा रहा है।

मृत्युंजय शुक्ला स्थानीय शासकीय बहुदेशीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में वर्ष 1991 में 12 वी कक्षा पास करने के उपरांत इंजीनियरिंग कर लंदन की एक प्रमुख आईटी कंपनी में कार्यरत है। इनका प्रांभिक जीवन तोरवा,आरटीएस कालोनी में बीता है।तथा वर्तमान में तोरवा में ही निवासरत भी है। इनके बड़े भ्राता रंजन शुक्ला बिलासपुर रेल्वे में सेवारत रहे है। प्रेस वार्ता के दौरान उनके सहयोगी और मित्र अनुपम शुक्ला भी मौजूद रहे।

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