आलोक मित्तल

पुलिस की प्रताड़ना से युवक द्वारा खुदकुशी मामले में आखिरकार परिजन समझौते के मोड में आते दिखे। एक छात्रा की साइकल की टक्कर बिल्हा थाना क्षेत्र के भैंस बोड़ गांव के हरिश्चंद्र गेंदले की मोटरसाइकिल से हो गई थी। जिसके बाद थाने का सिपाही रूपलाल चंद्रा हरिश्चंद्र के विकलांग पिता को थाने ले आया और उसकी पिटाई शुरू कर दी । अपने आंखों के सामने अपने विकलांग पीता को पीटते देख अपराध बोध से हरिश्चंद्र ने ट्रेन के सामने खुदकुशी कर ली थी। तब से यह मामला गरमा रहा था। परिजन आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ f.i.r. और उसे गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे। इसी मांग के समर्थन में परिजनों ने मृतक का शव लेने से भी इनकार कर दिया था।
पुलिस प्रशासन के साथ लगातार बातचीत चल रही थी। एक तरफ आरोपी रूपलाल चंद्रा को सस्पेंड किया गया तो वही एसडीएम द्वारा मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए । एसडीओपी और वरिष्ठ थाना प्रभारी स्तर के 2 सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई, जिसके बाद परिजनों ने हरिश्चंद्र गेंदले के शव को स्वीकार किया और उसका अंतिम संस्कार किया गया। बावजूद इसके क्षेत्र में इस घटना को लेकर खासा आक्रोश अब भी है।

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