
यूनुस मेमन

आदिवासी आरक्षण में कटौती के मुद्दे पर पूरे प्रदेश में भाजपा प्रदेश सरकार पर हमलावर है। इसी सिलसिले में अनुसूचित जाति मोर्चा द्वारा रतनपुर में चक्का जाम किया गया। चक्का जाम के पश्चात राज्यपाल के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया। भारतीय जनता पार्टी की आदिवासी वोट बैंक पर नजर है, जिसके लिए आदिवासी समाज के लिए संवैधानिक आरक्षण को पहले की तरह 32% किए जाने की मांग की जा रही है। 19 सितंबर को हाईकोर्ट के फैसले के लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज के लिए सभी प्रकार की भर्ती, नियुक्ति, पदोन्नति में आरक्षण की मांग भाजपा कर रही है।
भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस सरकार की उपेक्षा के चलते ही आदिवासी समाज का आरक्षण 32% से घटकर 20% कर दिया गया, जिससे प्रदेश में निवास निवासरत बहुसंख्यक आदिवासी समाज का अधिकार संकुचित हुआ है, जिसे लेकर आदिवासी समाज में आक्रोश, विरोध है और लगातार जन आंदोलन के माध्यम से आदिवासी समाज अपना गुस्सा जाहिर कर रहा है। राज्यपाल से मांग की गई है कि प्रदेश में पुनः आदिवासी समाज को 32% आरक्षण दिया जाए। इसी मांग को लेकर रतनपुर नेशनल हाईवे पर चक्का जाम कर दिया गया। करीब 1 घंटे तक यहां वाहनों की आवाजाही बंद रही, हालांकि पुलिस ने परिवर्तित मार्ग का इस्तेमाल किया, जिस वजह से यहां चक्का जाम निष्प्रभावी रहा।

कभी भारतीय जनता पार्टी देश में आरक्षण खत्म करने की बात करती थी, लेकिन चुनाव के मौसम में अचानक भारतीय जनता पार्टी आरक्षण समर्थन बन गई है और आदिवासियों के नाम पर भाजपा चुनावी रोटी सेकने में लगी हुई है।

