

2019 बैच के राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को रिश्वत लेने की बहुत जल्दी थी। गरियाबंद जनपद पंचायत सीईओ डिप्टी कलेक्टर करुण डेहरिया को ₹20000 की रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया। ग्रामपंचायत चिखली मालगांव और मजरकटा में 15वें वित्त से चार बोरवेल खनन के लिए पहली किस्त 3 लाख रुपयेनिकलवाना था। इसके लिए करुण डेहरिया ने ₹20,000 रिश्वत की मांग की थी। कांग्रेस नेता शफीक खान से सीईओ करुण डहरिया ने 30 अक्टूबर को यह रकम मांगी थी। 4 नवंबर को कांग्रेस नेता शफीक खान ने पैसा देने की बात कही थी। इसी बीच शफीक खान ने एसीबी से इसकी शिकायत कर दी। एसीबी ने ₹20,000 देकर जनपद पंचायत सीईओ करुण डेहरिया के पास उसे भेजा। जब शफीक ने अधिकारी को पैसे दिए तो तुरंत एंटी करप्शन ब्यूरो ने उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

खास बात यह है कि डिप्टी कलेक्टर करुण डहरिया ने 7 महीने पहले ही जनपद पंचायत सीईओ के रूप में पदभार ग्रहण किया था। उन पर पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। करुण डहरिया मूल रूप से कोरबा जिले के रहने वाले हैं। उनकी पहली पोस्टिंग जांजगीर-चांपा में एसडीएम के रूप में हुई थी। जिसके बाद उनका ट्रांसफर पामगढ़ के एसडीएम के तौर पर हुआ था। तीसरी पोस्टिंग के तौर पर करुण गरियाबंद आये थे, जहां वे जनपद पंचायत सीईओ के रूप में कार्यरत है। करुण डहरिया शुरू से ही विवादित अधिकारी रहे हैं। इतने महत्वपूर्ण पद पर पहुंचने के बावजूद रिश्वत लेने के नाम पर उन्होंने अपना भविष्य चौपट कर लिया। करुण से गलती हो गई कि उन्होंने रिश्वत शफीक खान जैसे कांग्रेस नेता से मांग ली ।
