
आकाश दत्त मिश्रा

मुंगेली जिला जेल में विचाराधीन कैदी के फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेने से जेल सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। फास्टरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत सिंघनपुरी का रहने वाला राहुल साहू अपनी पत्नी की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। हाल ही में उसे यह सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद से वह पश्चाताप की अग्नि में जल रहा था।
बताया जा रहा है कि गुरुवार सुबह उसने बैरक के खुलते ही सीढ़ी के नीचे चादर से फंदा बनाकर फांसी लगा ली। राहुल साहू विचाराधीन कैदी के रूप में भी मुंगेली जेल में ही था, जिसे 18 अक्टूबर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। तब से वह अवसाद में नजर आ रहा था। जेल प्रबंधन का मानना है कि अपना भविष्य अंधकारमय देखकर ही उसने यह कदम उठाया होगा।

राहुल ने खुदकुशी के लिए जेल में मिलने वाले चादर को फाड़ कर फंदा बनाया था, लेकिन उसके ऐसा करने के दौरान किसी सुरक्षाकर्मी की नजर नहीं पड़ी, जो हैरान करने वाली बात है। जिससे जेल की सुरक्षा प्रबंधन पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

इधर राहुल के भाई सरवन साहू का आरोप है कि जब विचाराधीन कैदी के तौर पर राहुल ने जेल की सजा चुपचाप काटी थी तो अब उसके द्वारा इस तरह का कदम उठाया जाना अविश्वसनीय है। इधर कैदी राहुल साहू की मौत के बाद मुंगेली जिला जेल में सीजीएम, फॉरेंसिक डिपार्टमेंट, तहसीलदार के साथ सिटी कोतवाली प्रभारी मौके पर पहुंचे, जहां शव का मुआयना कर मर्ग कायम किया गया। अब सवाल यह उठता है कि जेल में लगे सीसीटीवी कैमरे की उपयोगिता क्या है और जेल के सुरक्षाकर्मी उस वक्त क्या कर रहे थे जब कैदी ने ओढ़ने के लिए मिली चादर का फंदा लगाकर जेल में ही खुदकुशी कर ली। जाहिर है अब जेल प्रबंधन इस मामले में लीपापोती करने में जुट गया है लेकिन कैदी के परिजन कई सवाल खड़े कर रहे हैं, जिनका जवाब फिलहाल नहीं मिल रहा।

