

बिलासपुर नगर निगम द्वारा इस साल भी पुलिस मैदान में होने वाला दशहरा उत्सव मनाया नहीं जाएगा। पिछले 2 साल कोरोना के कारण यह आयोजन नहीं हो पाया और इस बार इस पर राजनीति का ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है, जिसके चलते 25 साल पुरानी परंपरा बिखर रही है। बिलासपुर नगर निगम द्वारा इस मामले में हाथ खड़े कर दिए जाने के बाद अब आम नागरिक सामने आए हैं और उन्होंने किसी भी सूरत में यह परंपरा नहीं टूटने देने का संकल्प किया है।
बिलासपुर के पुलिस मैदान में निगम द्वारा दशहरा उत्सव और रावण दहन कार्यक्रम की शुरुआत 1995 में हुई थी। उस वक्त तय हुआ था कि जो भी बिलासपुर का विधायक होगा, वही दशहरा उत्सव का मुख्य अतिथि होगा। जिसके बाद 20 साल तक अमर अग्रवाल मुख्य अतिथि रहे, लेकिन जब से शैलेश पांडे विधायक चुने गए हैं तब से इस आयोजन पर ग्रहण लगा हुआ है। 2020 और 21 में दशहरा उत्सव नहीं मनाये जाने के बाद इस बार उम्मीद थी कि नगर निगम भव्य पैमाने पर यह उत्सव मनाएगा, लेकिन निगम के सामने वित्तीय संकट का बहाना कर इससे हाथ खींच लिया गया है , जबकि निगम में उपनेता प्रतिपक्ष राजेश सिंह साफ कह रहे हैं कि नगर विधायक से अवसर छिनने के लिए ही योजनाबद्ध तरीके से इस आयोजन को टाला जा रहा है।

नगर निगम के इस फैसले से बिलासपुर वासी आहत है। बरसों पुरानी परंपरा दम ना तोड़ दे इसलिए बिलासपुर के जागरूक नागरिक सामने आए हैं, जिन्होंने इस रावण दहन कार्यक्रम को बिलासपुर की पहचान बताते हुए आपसी सहयोग से इस उत्सव को मनाने का निर्णय लिया है। इस मुद्दे पर शनिवार शाम को रिवरव्यू में एक बैठक रखी गई, जहां सर्वसम्मति से आपसी सहयोग और बिलासपुर वासियों के आर्थिक सहयोग से यह उत्सव मनाने का निर्णय लिया गया है।
इस आयोजन को पूरी तरह से गैर राजनीतिक रखने के इरादे से रावण दहन के लिए स्वतंत्रता संग्रामी, रिटायर सेनानी या जिन्होंने देश प्रदेश शहर के लिए विशेष योगदान दिया है उनकी तलाश की जा रही है। साथ ही लोगों से अपील की गई है कि वे अपने शहर की इस परंपरा को जीवित रखने के लिए खुले हाथों से सहयोग करें। बैठक में शामिल लोगों ने इस आयोजन को इस बार भी भव्य तरीके से मनाने का निर्णय लिया है। अब देखना यह है कि कहीं शासन-प्रशासन इसमें भी अड़ंगा ना लगा दे।
बिलासपुर पुलिस मैदान में दशहरा उत्सव मनाने के लिए आयोजित बैठक में राजा पांडे, प्रिंस वर्मा, आनंद दुबे, अभिषेक ठाकुर , प्रकाश झा, प्रकाश देवनाथ, अविनाश मोटवानी, अरुणिमा मिश्रा , मनोज सोनी, सुधीर सेवते, रवि यादव, मानस मिश्रा, दिग्विजय पाठक, जय पाठक, प्रकाश तिवारी, संस्कृति तिवारी, कुश तिवारी, अशोक, बसंत जयसवाल , राजकुमार जयसवाल के साथ अर्पपा अर्पण महा अभियान जन आंदोलन, टीम मानवता , जय श्री फाउंडेशन, आश्रय निष्ठा वेलफेयर, ओमकारा, सनातनी हिंदू समाज , शांता फाउंडेशन के सदस्य और बिलासपुर वासी मौजूद रहे, जिन्होंने एक स्वर में इस परंपरा को नहीं टूटने देने का संकल्प लिया है । अगर सब कुछ ठीक रहा तो इस बार भी पुलिस मैदान में बुराई का प्रतीक रावण जरूर जलेगा।
