
यूनुस मेमन

सबके सामने गाली देने और बेइज्जत करने से युवक इस कदर आहत हुआ कि मौका मिलते ही उसमें अपने दुश्मन को मौत के घाट उतार दिया ।
18 नवंबर की दोपहर ग्राम लोढ़ा बोर गौठन के जंगल में एक व्यक्ति की लाश मिली थी। रक्तरंजित लाश को देखकर यह समझा जा सकता था कि किसी धारदार हथियार से वार कर उसकी हत्या की गई है। घटनास्थल पर पुलिस के पहुंचने से मृतक की पहचान चिल्हाटी निवासी सनी केवट के रूप में हुई। पंचनामा कार्रवाई के बाद पुलिस हत्या की गुत्थी को सुलझाने और इस अंधे कत्ल के दोषी को ढूंढने में लग गई।
पुलिस ने गांव में पता किया तो पता चला कि घटना वाले दिन मृतक सनी केवट का विवाद गांव के ही अटल चौक में उसी गांव में रहने वाले 32 वर्षीय जोहान यादव से हुआ था।
दोनों के बीच जमकर तू-तू में मैं हुई थी। संदेह के आधार पर पुलिस ने जोहान यादव को उठा लिया। पुलिस पूछताछ में शुरू में तो वह पुलिस को गुमराह करता रहा लेकिन फिर सख्ती से पूछने पर वह टूट गया और उसने ही सनी केवट की हत्या करने की बात स्वीकार कर ली। उसने बताया कि सनी केवट ने चिल्हाटी अटल चौक के पास झगड़ा करते हुए उसे जमकर गाली दी थी और उसे अपमानित किया था। अपमान का यह दंश वह सह नहीं पाया और दिन भर उसके दिमाग में बदले की भावना तैरती रही। इसी अपमान की आग में जलते हुए उसने सनी केवट को सबक सिखाने का निर्णय लिया और घर से फावड़ा नुमा रपली लेकर साइकिल से शनि केवट को ढूंढने निकल गया
संजोग से बनी केवट उसे लोढ़ा बोर गौठान के जंगल के पास मिल गया, जिसे दौड़ा-दौड़ा कर उसने फावड़ा नुमा हथियार से मार डाला। सनी की मौत हो जाने के बाद उसे करीब 200 मीटर आगे जंगल के भीतर झाड़ी में ले जाकर छुपा दिया ताकि किसी को कुछ पता ना चले ।वही हत्या में प्रयुक्त अधिकारों को भी वही छुपा दिया गया। पुलिस ने जोहान की निशानदेही पर हथियार और खून से सने कपड़े बरामद कर लिए हैं । इस तरह पचपेड़ी पुलिस ने हत्या के कुछ ही घंटों बाद इस गुत्थी को सुलझा लिया।
