

पखांजूर से बिप्लब कुण्डू-

पखांजूर–
पखांजूर सिविल अस्पताल जिले में अब्बल नम्बर पर आते है जहा अव्यवस्था का आलम देखा गया है।सबसे ज्यादा आबादी वाला क्षेत्र कोयलीबेड़ा ब्लाक के पखांजूर के अस्पताल है कहने के लिए प्राइवेट अस्पताल 3 और हैं पर सरकारी अस्पताल होने के नाते क्षेत्र के 132 बंगाली गांव 133 आदिवासी गांव के लोग इस अस्पताल के भोरोशे चल रही है,वही सैकड़ो की संख्या में रोजना मरीज आते रहता है जहाँ आज तार के जाली में ये लिखा देखा गया कि इसमें बिजली है इसको न छुए,ये है पखांजूर के सिविल अस्पताल।यह के व्यवस्था आप देख सकते है कि यह तार का जाली लगी हुई है।जिसमे पिछले कोई दिनों से करेंट प्रवाह हो रही है।परंतु हमेशा से फंड का रोना रोने वाला अस्पताल अधिकारी के पास शायद इतने पैसा भी नही है कि वो इसको ठीक करा सके।
अस्पताल में रोजना सैकड़ो मरीज आते है जिसमे बच्चे और गर्भवती महिलाएं भी शामिल है,इसको देखकर आप सोच सकते है कि यह कितनी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।पर अस्पताल के अधिकारियों का शायद यही मानसिकता है कि जब काम दो रुपये के कागज से हो जाय वहा 200 रुपया खर्च क्यों किया जाय।
और शायद इस अस्पताल के अधिकारी कुछ बड़ा अनहोनी होने का इन्तेजार कर रही है या फिर इतना बड़ा अस्पताल में पैसा ही नही आता कि कैसे ये बिजली प्रवाह को रोका जा सके।
समाचार को देख या पढ़ कर अधिकारी वर्ग कुछ करे तो शायद किस बड़ी घटना को रोका जा सकता है।
