आलोक मित्तल

विश्व बाघ दिवस के अवसर पर कानन पेंडारी की बाघिन रंभा के 4 बच्चों का नामकरण किया गया। कानन पेंडारी जूलॉजिकल गार्डन में बाघिन रंभा के तीन मादा और एक नर बच्चे हुए थे। उन्हें केज में रखने से पहले उनका नामकरण किया जाना था, जिसके लिए कानन प्रशासन ने पर्यटक का सहयोग मांगा था। इसके लिए कुछ नाम तय किये गए थे। कानन पहुंचने वाले पर्यटको से उन नामों पर रायशुमारी ली गई।
17 अप्रैल को रम्भा ने 4 शावको को जन्म दिया था, इनमें से तीन मादा और एक नर है। शुरू में उन्हें नियमानुसार डार्क रूम में रखा गया था। शावको के 4 महीने के होने के बाद अब उनका नामकरण किया गया है। इसके लिए मादा शावको के 16 नाम और नर शावक के 10 नामो में फैसला किया गया।

शुरू में आम जनता से नाम मंगाए ग।ए इनमें से चुनिंदा नाम कानन पेंडारी के गेट पर लगे डब्बे में लोगों ने लिखकर पर्चे डाले। 3 नाम जनता द्वारा और एक नाम स्थानीय विधायक द्वारा तय किया गया। विश्व बाघ दिवस के अवसर पर 29 जुलाई को कानन पेंडारी के शावको का नामकरण किया गया। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने शावको का नामकरण किया। नर शावक का नाम मितान रखा गया है , तो वही माता शावकों के नाम आनंदी, दिशा और विधायक के नाम पर रश्मि रखा गया है। वन्य प्राणियों से आम लोगों के जुड़ाव और बाघों की संख्या में बढ़ोतरी के लिए इस तरह के प्रयास राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे हैं।