

आकाश दत्त मिश्रा

जिस व्यक्ति ने उसका इल्जाम अपने सर पर लेकर जेल की सजा काट ली, उसके एवज में उसे वादा किया हुआ पैसा ना देना पड़े इसलिए प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी लोक गायक गोफेलाल गेंदले ने युवक की हत्या कर दी। जरहागांव पुलिस को 21 जुलाई की सुबह धर्मपुरा- दशरंगपुर के बीच निर्माणाधीन सड़क किनारे किसी घायल व्यक्ति के पड़े होने की सूचना मिली थी, जिस की मौत मुंगेली जिला अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई थी। सोशल मीडिया के माध्यम से मृतक की पहचान हरिहरपुर नवागढ़ बेमेतरा निवासी राजकुमार पात्रे के रूप में हुई। परिजनों ने जो कहानी सुनाई उसके सहारे ही पुलिस हत्यारे तक पहुंच सकी। 5-6 महीने पूर्व हरिहरपुर में रहने वाले प्रसिद्ध लोक गायक गोफेलाल गेंदले ने चोरी का ट्रैक्टर ट्रॉली खरीदा था। जब पुलिस को इसकी भनक लगी और जांच की आंच उस तक पहुंची तो उसने अपने बदले राज कुमार पात्रे को इल्जाम अपने सर लेकर जेल जाने के लिए राजी कर लिया । इसकी एवज में उसने राजकुमार को एक मोटरसाइकिल और कुछ रकम देने का वादा किया था।
सजा काटकर जब राजकुमार पात्रे जेल से बाहर आया तो उसने वायदे के अनुसार पैसे और मोटरसाइकिल की मांग की। लेकिन तब तक गोफेलाल की नियत बदल चुकी थी। उसने खुद पर एहसान करने वाले की कीमत चुकाने की बजाए राजकुमार को ही रास्ते से हटाने का निर्णय ले लिया। 20 जुलाई को गोफेलाल गेंदले अपने साथी मनेश आनंद, देवचरण कोसले के साथ राजकुमार पात्रे को लेकर ग्राम टेमरी में शराब पीने गया। वापसी पर जब सभी धर्मपुरा दशरंगपुर के पास पहुंचे तो राजकुमार को गाड़ी से नीचे उतार दिया और उसकी हत्या करने की नियत से गोफेलाल और मनेश ने उस पर पत्थर मारना शुरू कर दिया। इस हरकत से उनके साथ मौजूद देवचरण कोसले डर कर भाग गया। पत्थर मारने के बाद जब राजकुमार घायल होकर गिर पड़ा तो गोफेलाल और मनेश उसे मृत समझकर सड़क किनारे फेंक कर भाग गए। बाद में इलाज के दौरान राजकुमार की मौत हो गई ।
संदेह के आधार पर पुलिस ने गोफेलाल गेंदले को पकड़कर पूछताछ की। शुरू में तो वह आनाकानी करता रहा ,लेकिन बाद में पुलिस के आगे उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया ।आपको बता दें कि गोफेलाल गेंदले छत्तीसगढ़ी का प्रसिद्ध लोक गायक है। यूट्यूब में उसके सैकड़ों गाने हैं। बेमेतरा और आसपास के क्षेत्रों में वह किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं है, लेकिन एक मोटरसाइकिल और चंद रुपए ना देना पड़े इसलिए वह हत्यारा बन गया। उसने उस की हत्या कर दी जिसने उसका इल्जाम अपने सर पर ले कर उसे जेल जाने से बचाया था, लेकिन नियति का लेख कोई मिटा नहीं सकता, आखिर उसी की हत्या के आरोप में गोफेलाल गेंदले को जेल जाना ही पड़ा । हैरानी इस बात की है कि जिसे चोरी के इल्जाम में जेल जाना मंजूर नहीं था, उसने हत्या जैसा जघन्य जुर्म कर उससे बड़ी सजा के लिए कैसे कदम उठा लिया ?