कोविड -19 टिकाकरण शतप्रतिशत करने कर्मचारी अधिकारी दिन रात एक कर रहे हैं।

पखांजूर से बिप्लब कुण्डू-

पखांजूर–
कोविड -19 टिकाकरण शतप्रतिशत की लक्ष्य पूरी करने कर्मचारी अधिकारी दिन रात एक कर रहे है।बरसात के मौसम दिन भर बुंदा बुंदी नदी नाला उफान की बहाव जितनी तेज हो रहे है उससे तेज गति से कोविड -19 टिकाकरण कार्यक्रम चल रहा है ।टीकाकरण की समय बदल ने से कर्मचारियों को भारी परेशानियों का सामना करना पर रहा है। सुबह 10 बजे से शाम 4 चार बजे तक टिकाकरण कार्य प्रारंभ हुआ जो बदलते बदलते सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक ऐसे बारिस के मौसम में कि पानी की बुंदे गीरते रहे रुकने का नाम नहीं है।ऐसे समय कर्मचारियों को भिगते – भागते हुए घर- घर दस्तक देने वो मजबुर है।हितग्राहियों में भी हड़कंप मचा हुआ है। खेती किसानी के समय हितग्राही खेत में व्यस्त कर्मचारी घर-घर दस्तक दे रहे हैं ।सुबह खाली पेट कर्मचारी एवं हितग्राही भी । शाम को कड़िमेहनत से हितग्राही थका हुआ सुबह से घर-घर दस्तक से शाम को कर्मचारी भी शारिरीक उर्जा साथ देने से कतराते है।क्योंकि एक दिन जैसे तैसे निपट ले सकते है।आखिर ये शरीर तो हड्डी, मासपेशी ,खुन की बहाव से बनी शरीर सलामत रखते हुएं तमाम काम करना एवं करवाने चाहिए।हितग्राही वो अपनी समस्याओं को गिनाते है कर्मचारी शासन कि आदेश कि नियम से बंधे है ।

24 घंटे की समय को आठ घंटा श्रम करने कि सिद्धांत में तबदील कर दुनियाभर में लोगो से 8 घंटे ही काम लिए जाते है।यहां शासन – प्रशासन ही कर्मचारियों की आठ घंटे कि नियम को अनदेखा कर काम लेने से ही, मतलब समझ रहे है।देश एवं राज्य में एसी परिस्थितियां निर्माण करने से मालिक श्रेणी आम लोगो को 12-14 घंटा कड़ि मेहनत करायेंगे ही और एक रोजी की पैसे से दो रोजी का काम ले लेंगे ।इस प्रकार श्रमिकों की श्रम का दोहन कर मेहनतकशों की मेहनत का वो मालिक श्रेणी शोषण करेंगे।24 घंटे की समय को 8 घंटे की कार्य करने कि नितियों में दुनिया में बदला है।8 घंटे काम ,8 घंटे आराम ,8 घंटे विनोदन ये नियम का उलंघन से देश दुनिया में शोषण व्यवस्था कायम हुई थी ।जिस के खिलाफ दुनिया में तमाम बगावत हुआ है।और श्रम की नीति में 8 घंटे काम पर मुहर लगा है ।देश भी उस वगावत को आहट दे रही है।यह गंभीर चिंता कि बात है।कर्मचारियों में उम्र के साथ – साथ बीपी,सुगर,किडनी, लिवर इत्यादि रोगो से पिढ़ीत है उनसे निरंतर आठ घंटे से उपर काम लेने से उनके शरीर जबाब देने लगता है ।वो कर्मचारी और अधिक तनाव में रहने के कारण उसके रोग खतरनाक रुप धारन कर उनकी मृत्यु तक हो सकती है।

इन कर्मचारियों की दिल की दर्द को उच्च अधिकारियों को समझते हुएं कार्य करवाने की समय पर ध्यान देना आवश्यक है ।अगर 24घंटा या 16 घंटा काम लेना है तो दो या तिन पारियों में कर्मचारियों कि कार्य दिवस समय सारणी कि घोषणा करनी चाहिए।इस प्रकार कर्मचारियों में भी धधकती लावा उबल रहे है वंही आक्रोश की ज्वालामुखी देश में फुट पड़ने की आशंका से इंकार नहीं कर सकते ।कर्मचारियों द्वारा कोविड -19 से सुरक्षा स्वास्थ्य के प्रति सचेत एवं जागरूक नागरिक बनने की प्रेरित कर रहे है। तमाम प्रकार के अनमोल चर्चा ,बेमिसाल उदाहरण देकर प्रेरणाओं की समझदारी से विभिन्न स्रोतों से हितग्राहियों को समझते है। कोविड -19 कि टिका स्वास्थ्य कर्मियों की टीम द्वारा सुबह 6 बजे से शाम 7बजे के बाद भी रात तक लगवाने में मजबूर है लक्ष्य हासिल करने के लिए कर्मचारी अपने खुन को पसिने में पानी की तरह बहा रहे है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!