

पखांजूर से बिप्लब कुण्डू-

पखांजूर–
अंदरूनी क्षेत्र में नैनिहालो के भविष्य व् स्वस्थ के साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता सहिका और सुपरवाईजर खिलबाड़ कर रहे हैं ! ज्ञात हो की परलकोट क्षेत्र के जामकुटनी आंगनबाड़ी में ताला लगाकर कार्यकर्त्ता फुलतुलिया और सहिका तेंदुपत्ता तोड़ने निकल गई हैं उधर माझीकुटनी का हाल भी ऐसा ही हैं कार्यकर्त्ता जयंती कोसो सहिका को केंद्र में छोड़कर आंगनबाड़ी से नदारत थी ! सुदूर क्षेत्र में रामभरोसे केंद्र को संचालन किया जा रहा हैं शासकीय कार्य का प्रतिमाह वेतन का लाभ प्राप्त कर रही हैं उधर केंद्र बंद करके तेंदुपत्ता तोड़ाई कार्य में जुट गई हैं ऐसे में सुदूर अंचल के नैनिहालो को पोस्तिक आहार से वंचित होना पड़ रहा हैं शासन द्वारा कुपोषित व् कमजोर बच्चे गर्भवती माताओं के लिए आंगनबाड़ी में संम्पूर्ण व्यवस्था कर कई योजना संचालित तो करवा दी ! मगर आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता और सुपरवाईज की लापरवाही से उन्हें ऐसे लाभों से वंचित होना पड़ रहा हैं माझीकुटनी में पदस्थ सहिका सुखदाय धुर्वा ने बतलाई आज कार्यकर्त्ता जयंती कोसो क्यों नहीं आई मुझे नहीं मालूम ! महीने के बारह तारिक ही हुए थे आंगनबाड़ी केंद्र में समूह द्वारा वितरण होने वाले सामान आधे से ज्यादा होना था मगर वहा दो पैकेट आटा,दो सौ ग्राम आलू, एक पाव प्याज,तीन किलो चावल,दो सौ ग्राम आचार,सौ ग्राम सोयाविन बड़ी,डेढ़ किलो मुसडी दाल,एक लीटर सरसों का तेल,और थोड़ी बहुत हल्दी नमक मिले जबकि प्राप्त सामग्री के अनुशार सभी खाद्य सामग्री के चार गुना खाद्यान आंगनबाड़ी में होना था जब संम्बधित सुपरवाईज श्यामा बंजारे से इस संम्बध में पूछा गया तो उन्होंने कहा अभी खाद्यान भरपूर मात्र में केंद्र पर होना था चुकी महीने के 12-13 तारिक ही हुए थे अगर केंद्र पे खाद्यान सामग्री कम थे तो जरुर कार्यकर्त्ता अपने घर ले गए होंगे ! अब सवाल यह ख़त्म नहीं होता दरअसल मामला कमीशन का हैं अंदरूनी क्षेत्र में समूह के साथ साठ-गाठ कर केंद्र तक खाद्यान व् पोस्तिक आहार पहुचता ही नहीं हैं समूह संचालक और कार्यकर्त्ता सुपरवाईज की मिलीभगत से बंदर-बाट किया जाता हैं केंद्र में कार्यकर्ताओ व् सहिका का भूमिका ना सिर्फ आंगनबाड़ी खोलना रहता हैं जबकि अभिभावकों को जागरूख कर उन्हें प्रेरित करने का महत्वपूर्ण योगदान रहता हैं मगर अपने जिम्मेदारी से मुह मोडते हुए केंद्र को मनमर्जी संचालन किया जाता हैं और नैनिहालो को पोस्तिक अहारो से वंचित भी होना पड़ता हैं

इस संम्बध में सुपरवाईज श्यामा बंजारे ने कहा मैं कई बार उन्हें समझाई की केंद्र बंद ना करे निरिक्षण कर मीटिंग ली हूँ CM का दौरा होने वाले हैं बतलाई हूँ मगर मेरी नहीं सुनी ! खाद्यान केंद्र में कम था तो कार्यकर्त्ता अपने घर ले गई होगी जो गलत बात है !