हसदेव अरण्य को बचाने चल रहे आंदोलन में वनवासियों के समर्थन में मुंगेली से पहुंची स्टार्स ऑफ टुमॉरो की टीम, कहा अब न बचाया तो फिर बचाने को कोई जंगल न बचेगा

आकाश दत्त मिश्रा

मुंगेली/ हसदेव अरण्य वनक्षेत्र में परसा कोल ब्लॉक के लिए 1 लाख 70 हजार हेक्टेयर में फैले लगभग 5 लाख पेड़ो को काटे जाने के राज्य सरकार के फैसले के विरोध प्रदेश और देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी विरोध प्रदर्शन जारी है। अब इसी ज्वलंत मुद्दे पर मुंगेली की स्टार ऑफ टुमारो की टीम भी कूद पड़ी है पर्यावरण संरक्षण और लगातार पेड़ लगाने की मुहिम चलाने वाली स्टार ऑफ टुमारो की टीम ने अपना विरोध दर्ज कराया है। सरगुजा जिले के साल्हे, हरिहरपुर ग्राम में चल रहे वनवासीयों के अनिश्चिकालीन धरना प्रदर्शन के समर्थन में मुंगेली से पर्यावरण के लिए समर्पित ‘स्टार्स ऑफ टुमॉरो वेलफेयर सोसायटी’ की पूरी टीम बैनर, पोस्टर के साथ धरना स्थल पहुंच मानव श्रृंखला बनाकर पेडों को काटे जाने के आदेश को निरस्त कर जल, जंगल और जमीन को बचाने सरकार से अपील किया।


इस अवसर पर स्टार्स ऑफ टुमॉरो वेलफेयर सोसायटी मुंगेली के संयोजक रामपाल सिंह ने आम लोगों को जंगल बचाने के समर्थन में आगे आने की अपील करते हुये कहा कि हसदेव अरण्य जैव विविधता के मामले में काफी संपन्न है। एक दशक पहले केंद्र सरकार ने ही इसे ‘नो गो’ क्षेत्र घोषित किया था. ऐसे में जंगल कटाई का आदेश देना दुर्भाग्यपूर्ण है, हसदेव बचाओ! वरना बचाने के लिए कोई जंगल नहीं बचेगा। ऊर्जा की मांग दिन-ब-दिन बढ़ रही है, वनों की कटाई खत्म होने वाली नहीं है। आज ये हसदेव अरण्या का पेड़ काटना चाहते हैं, कल बस्तर का काटेंगे.? छत्तीसगढ़ की पहचान इसकी जनजातियां और जंगल हैं इसे बचाना होगा। संस्था के अध्यक्ष महावीर सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ का हसदेव अरण्य उत्तरी कोरबा, दक्षिणी सरगुजा और सूरजपुर जिले में स्थित एक विशाल समृद्ध वन क्षेत्र है. जो जैव-विविधता से परिपूर्ण हसदेव नदी और उस पर बने मिनीमाता बांगो बांध का केचमेंट है. जांजगीर-चाम्पा, कोरबा, बिलासपुर जिले के नागरिकों और खेतों की प्यास बुझाता है अगर जंगल कट गए तो ये सब खत्म हो जाएगा? हम सरकार से निवेदन करते है कि वो अपने फैसले पर विचार करे। संस्था के सचिव विनोद यादव ने बताया कि यह वन क्षेत्र सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नही बल्कि मध्य-भारत का एक समृद्ध वन है. जो मध्य प्रदेश के कान्हा के जंगलों को झारखण्ड के पलामू के जंगलों से जोड़ता है. यह हाथी जैसे 25 महत्वपूर्ण वन्य प्राणियों का रहवास और उनके आवाजाही के रास्ते का भी वन क्षेत्र है इसलिए हम सरकार से निवेदन करते है कि जंगल कटाई का फ़ैसला वापस ले।
जल, जंगल और जमीन को बचाने चल रहे संघर्ष में स्टार्स ऑफ टुमॉरो वेलफेयर सोसायटी के संयोजक रामपाल सिंह, अध्यक्ष महावीर सिंह, सचिव विनोद यादव, कोषाध्यक्ष धनराज परिहार, गौरव जैन, स्वप्निल साहू, मुकेश पांडेय, सूरज मंगलानी, हरिओम सिंह, राहुल साहू, चित्रकान्त सिंह, नागेश साहू, टीपू खान, दिपेश सिंह, सुरेश यादव सहित संस्था के सभी सदस्य शामिल हुये।


आपको बता दें कि स्टार आफ टुमारो टीम के द्वारा पूरे मुंगेली शहर को प्राणवायु प्रदान करने सैकड़ो की संख्या में पेड़ पौधे लगाए गए हैं और बकायदा उन्हें संरक्षित रखने का कार्य भी किया गया है। आज वह पौधे पेड़ का रूप ले चुके हैं जो कि लोगों को छाया प्रदान कर रहे हैं पूरे मुंगेली शहर के मुख्य सड़कों पर जहां कहीं भी पेड़ों से मिलने वाली छाया जो लोगों को राहत प्रदान कर रही है वह सारे पेड़ स्टार ऑफ टुमारो के प्रयास का ही देन है।

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