मुंगेली के गांव संगवा में अजीबोगरीब हमला दोहराई गई , एक बार फिर बड़ी संख्या में पहुंचे नकाबपोशों ने व्यवसायी की जमकर की पिटाई, पुलिस पुराने मामले को भी अब तक नहीं सुलझा पाई, नयी चुनौती ने उलझाया

आकाश दत्त मिश्रा

मुंगेली कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम संगमा में रहने वाला जयसवाल परिवार दहशत में है, क्योंकि अक्सर उनके ठिकाने पर पहुंचकर कुछ अज्ञात लोग उनकी जमकर पिटाई कर गायब हो जाते हैं। ऐसी घटना अब तक दो बार हो चुकी है। इसी साल के 10 जनवरी को संगवा गांव के किराना व्यवसाई गणेश जयसवाल और उसके परिवार पर हुए हमले के बाद 9 मई को इस घटना की पुनरावृत्ति हुई । ग्राम संगवा में किराना दुकान चलाने वाले गणेश जायसवाल रोज की तरह अपनी दुकान पर मौजूद थे। शाम करीब साढे 7-8 बजे आधा दर्जन नकाबपोश उनकी दुकान पर पहुंचे और बिना कोई बात किए अपने साथ लाये लाठी, डंडा रॉड,लोहे के पाइप से गणेश जायसवाल की पिटाई शुरू कर दी।

हमलावर अपने चेहरे को गमछे से ढके हुए थे, इसलिए गणेश जायसवाल उन्हें पहचान नहीं पाया। गणेश जायसवाल यह पूछता रह गया कि आखिर उसकी पिटाई क्यों की जा रही है लेकिन बिना कुछ कहे तबीयत से गणेश जायसवाल की पिटाई कर सभी आरोपी भाग खड़े हुए। हैरानी इस बात की है कि बिल्कुल इससे मिलती-जुलती घटना इसी साल 10 जनवरी को गणेश जायसवाल के भाई के साथ हुई थी, जिसमें उसके भाई का हाथ टूट गया था और शरीर के अन्य अंगों पर चोट आई थी। इस हमले में भी गणेश जायसवाल के सर हाथ पीठ पर गंभीर चोट आई है। हमले में घायल होने के बाद गणेश जायसवाल का इलाज अस्पताल में चलता रहा। अब हालात कुछ बेहतर होने पर बुधवार को गणेश जायसवाल कोतवाली थाना मुंगेली में मामले की शिकायत करने पहुंचा। गणेश जायसवाल इस बात से हैरान हैं कि आखिर उनके परिवार पर इस तरह के हमले क्यों हो रहे हैं ?नकाबपोशो द्वारा मारपीट के अलावा उनके घर पर पथराव की घटना भी हो चुकी है।


गणेश जायसवाल यह दावा कर रहे हैं कि उनका किसी के साथ कोई विवाद या पुरानी रंजिश नहीं है, लेकिन पुलिस को शक है कि घटना के पीछे कोई न कोई रंजिश अवश्य होगी। पुलिस मामला दर्ज कर इसकी पड़ताल में जुट गई है। गणेश जायसवाल शिकायती लहजे में कहते हैं कि कुछ लोगों ने उन्हें मंदिर का घंटा समझ लिया है। जब उनका दिल करता है बड़ी संख्या में पहुंचकर उनके परिवार के किसी सदस्य की पिटाई कर वे गायब हो जाते हैं। गणेश जायसवाल हालांकि हमलावरों को पहचान नहीं पाए, लेकिन वे दावा कर रहे हैं कि अगली बार अगर वे फिर से हमला करने पहुंचे तो उनकी कद काठी से वह यह जरूर पहचान लेगी कि पिछली मर्तबा हमला करने वाले वही थे या कोई और ।


कोतवाली पुलिस भी इस अजीबो गरीब घटना से हैरान है। 10 जनवरी को गणेश जायसवाल के भाई के साथ हुई मारपीट की एफआईआर भी कोतवाली थाने में दर्ज है और अब तक पुलिस उस मामले को भी नहीं सुलझा पाई है, तो वहीं पुलिस के लिए हालिया घटना दोहरी चुनौती है। पुलिस अब समझ गई है कि मामला गंभीर है और इस घटना के हमलावर अगर जल्द ना पकड़े गए तो घटना की पुनरावृत्ति भी संभव है।

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