पखांजुर से बिप्लब कुंडू–

पखांजुर।

तेंदूपत्ता प्रबंधक पिछले 13 दिन से अपनी मांगों को लेकर पखांजुर के श्यामाप्रसाद मुखर्जी स्टेडियम के सामने आंदोलनरत है। राजनीतिक पार्टी और तमाम लोगों ने अपना समर्थन तेंदूपत्ता प्रबंधकों को दिया है। शनिवार को तेंदूपत्ता समिति के विभिन्न अध्यक्षों ने अपना समर्थन प्रबंधकों को दिया है। पर बैठे तेंदूपत्ता प्रबंधकों ने सरकार को सीधे चेतावनी दी है। तेंदूपत्ता प्रबंधकों ने छत्तीसगढ़ सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा की इस इलाके से राज्य सरकार को करोड़ों अरबों रुपए का राजस्व प्रदान किया जाता है।

तेंदूपत्ता के जरिए सरकार को करोड़ों और अरबों रुपये का फायदा मिलता है। उसके बावजूद हमारी मांगों को लेकर सरकार अब तक गंभीर क्यों नहीं है ।प्रबंधकों ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र क्रमांक पांच में अंकित किया था कि तेंदूपत्ता प्रबंधकों को नियमितीकरण किया जाएगा।

जिस तर्ज पर छत्तीसगढ़ सरकार छत्तीसगढ़ में कांग्रेश बहुमत से जीत हासिल की।

बावजूद कांग्रेश अपने घोषणा पत्र में जारी किए गए घोषणाओं पर अमल नहीं कर रहा है। आगामी एक साल बाद चुनाव होने हैं। यदि जल्द ही कांग्रेस सरकार अपनी घोषणाओं पर अमल नहीं करती है और हमारी नियमितीकरण की मांग को पूरा नहीं करती है तो निश्चित तौर पर आगामी एक साल बाद होने वाले चुनाव में इसका असर देखने को मिलेगा और कांग्रेस को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

तेंदूपत्ता समिति अध्यक्षों ने दिया समर्थन

प्रबंधकों के आंदोलन पर शनिवार को समिति अध्यक्षों ने समर्थन दिया। इस दौरान ऐंहुर तेंदू पत्ता समिति अध्यक्ष कमलेश नेताम ने बताया कि आगामी कुछ समय बाद तेंदूपत्ता तोड़ने का काम शुरू होना है लेकिन प्रबंधकों की हड़ताल के चलते तेंदूपत्ता तोड़ने का काम ठप पड़ा हुआ है ।

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार ने घोषणापत्र में जारी किया था कि उनकी सरकार बनती है तो प्रबंधकों को नियमितीकरण किया जाएगा सरकार अपनी घोषणा से मुकर रही है । इसका विरोध करते हैं और प्रबंधकों के मांगों को लेकर हम समर्थन करते हैं।

यदि सरकार प्रबंधकों की मांग को पूरा नहीं करती तो निश्चित तौर पर आगामी समय में जल्द हम भी आंदोलन की ओर रुख करने को मजबूर होंगे। इसके अलावा सरकार से मांग करते हैं कि तेंदूपत्ता समिति के अध्यक्ष को एक मानदेय एक निश्चित मानदेय दिया जाए।

क्योंकि छत्तीसगढ़ में हरा सोना के नाम से जाने वाला तेंदूपत्ता के लिए जमीनी स्तर पर समिति ही काम करती है ।

ऐसे में समिति के अध्यक्षों को एक निश्चित मानदेय दिया जाना चाहिए। सरकार हमारी मांग नहीं मानेगी तो निश्चित तौर पर आगामी समय में आंदोलन की ओर रुख करने को मजबूर होंगे।

इस दौरान अध्यक्ष निर्मल बिस्वास, उपाध्यक्ष बाबूलाल नेताम, सचिव महेंद्र यादव, सहसचिव सपन मजूमदार समेत समिति के अध्यक्ष भी मौजूद थे।

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