मुंगेली एसडीएम अमित कुमार के आदेश के बाद मंगलवार सुबह से ही प्रशासनिक अमला बुलडोजर के साथ मुंगेली के प्रमुख बाजारो में पहुंच गया । एक दिन पहले ही एसडीएम अमित कुमार ने मुंगेली के सभी बाजारों में अतिक्रमण को हटाने और नया निर्माण का आदेश दिया था, जिसके बाद सोमवार रात को ही व्यापारियों ने बैठक लेकर इस पर अपनी आपत्ति जताई थी। व्यापारियों ने नगर पालिका अध्यक्ष हेमेंद्र गोस्वामी को भी घेरा, लेकिन इसका खास असर हुआ नहीं। मंगलवार सुबह से ही पुलिस बल के साथ प्रशासनिक अमला बाजार में पहुंच गया और बाजार में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही शुरू हो गई। मुंगेली के गोल बाजार- सदर बाजार क्षेत्र में नाली के ऊपर स्लैब बनाए गए हैं। साथ ही दुकान तक पहुंचने की सीढ़ियां मौजूद है।
अब यहां प्रशासन दुकान से लेकर सड़क तक 3.5 फीट की चौड़ाई में पाथवे बनाने की योजना पर काम करने वाला है, जिसके लिए नाली के ऊपर दुकानदारों द्वारा बनाए गए स्लैब को तोड़ा जा रहा है। यहां लगभग सभी दुकानों में नाली के ऊपर स्लैब बना लिए गए हैं । व्यापारियों ने इसके लिए मोहलत भी मांगी थी, लेकिन प्रशासन से आगे और मोहलत देने से इंकार कर दिया। मंगलवार को कुछ व्यापारी स्वयं ही अतिक्रमण हटाते भी नजर आए, तो वही प्रशासनिक बुलडोजर ने शेष कार्य कर दिया। पुलिस और प्रशासन के आगे व्यापारी पस्त नजर आए, इसलिए यहां कोई विशेष विरोध नहीं किया गया।
जानकारी मिल रही है कि 14 लाख की लागत से बाजार में पाथवे बनाया जाएगा। साथ ही रेलिंग की जाएगी। व्यापारियों का कहना है कि पहले ही बाजार में सड़क बेहद संकरी है, जिसमें से दोनों ओर कुल 7 फीट सड़क निकल जाने के बाद यहां चलना तक दूभर हो जाएगा। वही रेलिंग की वजह से लोग सड़क पर ही वाहन पार्क करेंगे, जिससे चलने तक की जगह नहीं बचेगी। इतना ही नहीं दुकान तक पहुंचना भी ग्राहकों के लिए बेहद मुश्किल हो जाएगा।
इसे व्यापारियों के विरुद्ध निर्णय बताते हुए व्यापारियों ने जिला प्रशासन और नगर पालिका परिषद के प्रति अपना गुस्सा जाहिर किया है। इधर सोमवार को पुराना बस स्टैंड रामानुज प्रसाद द्वार से लेकर गोल बाजार , सदर बाजार, चूड़ी लाइन और बलानी चौक तक अतिक्रमण हटाने का काम शुरू कर दिया गया है।
जिस बाजार में सुबह से ग्राहकों की चहल-पहल नजर आती थी वहां प्रशासनिक अमला, पुलिस बल, बुलडोजर और सिर्फ मलबा नजर आ रहा है। व्यापारियों का कारोबार इस कार्यवाही से बुरी तरह प्रभावित हुआ है, लेकिन फिलहाल वे भविष्य को लेकर अधिक चिंतित है।
व्यापारियों ने बताया कि इसे तुगलकी फरमान बताते हुए कहा कि नई व्यवस्था से सुविधा की बजाय असुविधा अधिक होगी और इससे ना तो व्यापारियों का हित होगा और ना ही ग्राहकों का। केवल प्रशासनिक डंडा चला कर व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है। कुल मिलाकर फिलहाल कार्यवाही बिना किसी विरोध के जारी है । वहीं अधिकारियों ने बताया कि कार्य के लिए राशि आवंटित हो चुकी है और अतिक्रमण हटने के साथ ही यहां फुटपाथ बनाने का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा।
व्यापारियों के दावे सही है या फिर प्रशासनिक दूरदर्शिता लोगों के लिए बेहतर साबित होती है , यह भविष्य के गर्भ में छुपा हुआ है, जिसे देखना दिलचस्प जरूर होगा, लेकिन दावा किया जा रहा है यह कार्यवाही नगर पालिका परिषद में सत्ता परिवर्तन की वजह से हुआ है। अधिकांश व्यापारी भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं। यहां भाजपा का राज खत्म होने के कारण ही प्रशासनिक बुलडोजर चलने लगा है।