परोलकोट के आसमान में चमकती रेखा दिखने की हो रही है चर्चा।आसमान से उल्कापिंड गिरने की अफवाह सोशल मीडिया में हो रही है जमकर वायरल,

पखांजूर से बिप्लब कुण्डू–

पखांजूर।
शनिवार चैत्र नवरात्र के रात को करीबन 8.30 बजे आकाश से उल्कापिंड के टुकड़े गिरने की खबर परोलकोट क्षेत्र में चर्चा थमने का नाम नही ले रहा है।शनिवार रात अचानक आकाश में हलचल हुई कोई लोग ने दावा किया कि तेज चिंगारी के साथ पखांजूर-दुर्गकौंडल क्षेत्र में पहाड़ी इलाके की तरफ कुछ तेजी से गिरा।हालांकि जानकारो का कहना है कि यह समान्य घटना है।उल्कापिंड गिरने की घटना सामान्य नही है।जिस क्षेत्र में उल्कापिंड गिरते हैं उससे तबाही मच जाती है।परोलकोट क्षेत्र को लेकर दुर्गकोण्डाल तक तो वही कांकेर में भी कुछ लोग आसमान में चमकती लंबी रेखा देखने की दावा किया है।
वही कुछ लोग दावा कर रहे है कि हमने आवाज़ भी सुना तो कुछ एक का कहना है आवाज नही थी सिर्फ क्षैतिज दिशा में तिरछी रेखा नीचे की ओर गिरते देखा है।यह विषय अब व्हाट्सअप में तेजी से गिरते समय कुछ लोग ने जब वीडियो बनाये वो अब वायरल हो रहा है।दो दिन से दिनभर हर जगह इसकी चर्चा चल रही है।कुछ लोग इसको उल्कापिंड कह रहा है तो कुछ लोग आशंका जता रहा है।कहि विस्फोटक मिसाइल हमले का टुकड़ा तो नही ऐसा पहली बार हुआ तो कुछ लोग टूटते तारे जैसी चर्चा कर रहे है।ज्यादातर लोग इसको उल्कापिंड के टुकड़े के रूप में मान रहे है।यह विषय सामान्य भी हो सकता है और नही भी लोगो का कहना है की शासन को गम्भीरता से लेते हुए इस कि जांच की जानी चाहिए।कहि बाद में बड़ी समस्या को आमंत्रित तो नही कर रहे है।कुछ लोगों द्वारा मोबाइल पर वीडियो बनाया गया जिसे तेजी से इंटरनेट पर फैलाया जा रहा है।जिला मुख्यालय स्थित पीजी कालेज के भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ डी. एल.पटेल ने कहा है कि सल्फर या किसी अन्य खनिज आक्सीजन के संपर्क में आकर अचानक जल उठते है,और यह आसमान में ही समाप्त हो जाते है।यह एक सामान्य घटना है।उल्कापिंड गिरना बड़ा भूगर्भीय घटना है, इससे जनधन को काफी नुकशान होता है।अचानक तापमान में बहुत ज्यादा वृद्धि हो जाती है।

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