शशि कोन्हेर

 बीते कुछ सालों से मनमांनी  और अराजकता के लिए बिलासपुर का जिला खाद्य नियंत्रक कार्यालय (फूड कंट्रोलर) कार्यालय कितना कुख्यात है, यह बात ‘ओपन सीक्रेट’ की तरह सर्वज्ञात है। फर्जी राशन कार्डों के निर्माण से लेकर कई तरह के धतकरम इस कार्यालय से जुड़े हुए हैं। एक बार फिर शहर में सामान्य वर्ग के लिए बने राशन कार्डों में जान बूझकर लापरवाही कर इस आफिस के मातहतों ने मानो  यह डिक्लेयर सा कर दिया है कि सरकार किसी की भी हो ,,पर , वे नही सुधरेंगे,, तो नही ही सुधरेंगे।

इस आफिस का हाल “परम् स्वतंत्र न सिर पर कोई” सरीखा हो गया है। वहीं यहा काम करने वाले कुछ   ताहूतदार फूड इंस्पेक्टर डंके की चोट पर उल्टा पुल्टा काम करने और धत्कर्मो को बढ़ावा  देने वाले हैं। 
इस विभाग के द्वारा हाल ही में सामान्य वर्ग के राशन कार्डों में जमकर खेल खेलने की चरचा कलेक्टोरेट में आम है।
यहां से वार्डों में बांटने के लिए भेजे गए राशन कार्डों में से हजारों राशन कार्ड गायब कर दिए गये हैं। लिहाजा इन राशन कार्डों के लिए वितरण केंद्रों में पहुंच रहे सामान्य वर्ग के लोगों को बिना कार्ड के वापस आना पड़ रहा है । इस बारे में वितरण केन्द्रों में तैनात अधिकारियों से पूछने पर वे इस बाबत कुछ भी बताने से साफ इंकार कर रहे हैं। वही फूड आफिस से भी ऐसे मिसिंग राशन कार्डों के बारे में कुछ नही बताया जा रहा है। मसलन, वो राशन कार्ड कहां है? कब तक मिल पाएंगे? जैसे सवालों का कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है। वहीं चर्चा है कि ये हजारों मिसिंग राशन कार्ड गुम नही हुए है वरन उंन्हे गायब कर दिया गया है। और जैसा कि बिलासपुर फूड कंट्रोलर आफीस का ट्रैक रिकार्ड रहा है,, यहाँ कुछ भी हो सकता है।

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