
डेस्क
देश में नियम कायदो के परिपालन की जिम्मेदारी कार्यपालिका का कर्तव्य है लेकिन मध्यप्रदेश के राजगढ़ में रविवार को जिस तरह से कलेक्टर और एसडीएम ने भारत माता की जय बोलने पर नागरिकता संशोधन समर्थकों पर थप्पड़ों की बारिश कर दी उससे कई सवाल खड़े हुए हैं। देश भर में जहां कुछ स्वार्थी तत्व नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर भ्रम फैलाते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं तो वहीं उनके जवाब में हजारों लाखों लोग इस बिल के समर्थन में भी प्रदर्शन कर रहे हैं। मध्यप्रदेश के राजगढ़ में भी आम नागरिकों ने हाथों में तिरंगा और दिल में देशभक्ति का जज्बा लेकर समर्थन में रैली निकाला था लेकिन पता नहीं किस भावना से प्रेरित होकर या फिर ऊपर से मिले आदेश का पालन करते हुए राजगढ़ की कलेक्टर निधि निवेदिता ने प्रदर्शनकारियों पर हमला बोलते हुए उन्हें थप्पड़ जड़ दिया। उनकी ही देखा देखी एसडीएम प्रिया वर्मा ने भी भारत माता की जय का उद्घोष करने वालों की पिटाई की और उनके हाथ से भारतीय झंडा छीन कर तिरंगे का भी अपमान किया।
भारत के ही कानून के खिलाफ आईएएस अधिकारियों का यह रवैया हैरान करने वाला है। समझा जा रहा है कि दोनों अपने राजनीतिक आकाओं के आदेश पर इस तरह का बर्ताव कर रही है । दोनों महिला अधिकारियों की कारगुजारी का वीडियो वायरल होने के बाद से देशभर में उनकी निंदा हो रही है ।इस संबंध में बिलासपुर के भारतीय राष्ट्रवादी समाज और अन्य जागरूक नागरिकों ने बिलासपुर कलेक्टर को मध्य प्रदेश के राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपते हुए दोनों महिला अधिकारी निधि निवेदिता और प्रिया वर्मा के खिलाफ अपराध दर्ज करने और उन्हें पद से हटाने की मांग की है। यहां पहुंचे कार्यकर्ताओं ने कहा कि वह ज्ञापन की प्रति डाक के माध्यम से मध्य प्रदेश के राज्यपाल, भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कार्यालय भी भेजेंगे । दोनों महिला अधिकारियों द्वारा भारत के संसद से पारित कानून के समर्थकों पर किए गए हमले को संविधान पर हमले के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसा लग रहा है कि दोनों महिला अधिकारी राज्य सरकार के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं। इसलिए उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की जा रही है। वहीं अब वीडियो के वायरल हो जाने पर दोनों महिला अधिकारी उल्टे खुद पर हमला होने की बात कह रही हैं।
