बिलासपुर के सिम्स चौराहे में मौजूद 40 साल पुराने हनुमान मंदिर को तोड़ने की कोशिश के बाद विरोध की आग भड़क उठी है। बिलासपुर नगर निगम द्वारा हिंदू आस्था के इस केंद्र को तोड़े जाने के प्रयास का भरपूर विरोध किया जा रहा है। यहां सुबह से लेकर रात तक हिंदूवादी संगठन से जुड़े लोग और हनुमान भक्त लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं ।जिन्होंने दो टूक कह दिया है कि वे किसी भी कीमत पर इस मंदिर को हटाने नहीं देंगे । इसी मुद्दे पर समर्थन व्यक्त करने गुरुवार शाम को भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष और हिंदूवादी नेता प्रबल प्रताप सिंह जूदेव सिम्स चौक दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर पहुंचे। जिन्होंने कहा कि शासन चाहे जितना जोर लगा ले लेकिन हिंदू विरोधी आसुरी शक्तियों को कभी कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे अपने पिता स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव की तरह हिंदुत्व की रक्षा के लिए हमेशा खड़े हैं। यही कारण है कि इस मामले की सूचना पाकर वे बेलगहना से बिलासपुर खींचे चले आए। उन्होंने बिना नाम लिए कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हिंदू विरोधी ताकतों ने इस मंदिर को नुकसान पहुंचाने की कोई कोशिश की तो हिंदू संगठित होकर उस पर आक्रमण करेगा। उन्होंने हिंदुत्व की रक्षा के लिए अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ने की बात कही, साथ ही उन्होंने कहा कि मंदिर को तोड़ने की बात भूल जाये, अब इसे और भी भव्य बनाया जाएगा। उन्होंने मंदिर की रक्षा में जुटे युवाओं का आभार जताते हुए कहा कि वे इसी तरह संगठित रहते हुए अपनी लड़ाई लड़े। इससे पहले इस मंदिर के समर्थन में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया जिसमें शहर वासियों ने बढ़ चढ़कर हस्ताक्षर कर मंदिर को यहां से नहीं हटाने की वकालत की । वही बिलासपुर नगर निगम की कार्यशैली का विरोध करते हुए गौ रक्षक विपुल शर्मा ने कहा कि शासन द्वारा यहीं पर देवभोग की गुमटी लगाई गई है जिसे हटाकर भी आवाजाही के लिए रास्ता बनाया जा सकता है। अगर एक बार सिम्स चौक से मंदिर हटाने पर हिंदू संगठनों ने सहमति दे दी तो फिर इसी आधार पर बिलासपुर शहर के हर सड़क गली चौराहे से मौजूदा नगर निगम की सरकार मंदिरों को इसी तरह हटा देगी। इसीलिए किसी भी कीमत पर मंदिर नहीं हटाने देने की बात उन्होंने कही है।
डेस्क
कुर्सी संभालने के बाद बिलासपुर महापौर रामशरण यादव ने अभी तक ऐसा कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं किया है जिसकी चर्चा हो लेकिन उनके द्वारा डाली गई पहली ही गेंद नो बॉल साबित हो गई, शायद वे इसे गुगली समझ रहे थे लेकिन यह मामला उन्हीं पर भारी पड़ता दिख रहा है और कुछ भले ना हो शुरू से ही उनकी छवि हिंदू विरोधी की बन रही है, जिससे एक बड़ा वर्ग नए शहर सरकार से निराश नजर आ रहा है।