अपराधियों के चंगुल में कराह रहा रतनपुर , पुलिस की निष्क्रियता से अपराधियों के हौसले आसमान पर

रवि ठाकुर

धार्मिक नगरी रतनपुर की फिजा में इन दिनों अपराध का जहर घुलता जा रहा है,  जिससे मां महामाया की नगरी का दम घुट रहा है । कभी इसकी पहचान आस्था केंद्र के रूप में थी लेकिन लगातार अपराधी तत्वों के सक्रिय होने और पर्यटन के नाम पर रतनपुर को अय्याशी का अड्डा बनाने वालों ने इसकी पहचान पर बदनुमा धब्बा लगाने का काम किया है। पूरा शहर धीरे-धीरे अपराधी और असामाजिक तत्वों के चंगुल में फंसता जा रहा है और पुलिस मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रही है।  यहां स्टाइगर के नाम से जुआ खेला और खिलाया जा रहा है।  इसके पीछे कुछ स्थानीय लोग शामिल है तो फिर बिलासपुर से यहां जुआ खिलाने आने वालों की भी कमी नहीं। यह लोग 3 पात्रों के बीच एक गेंद छुपाकर दांव लगाने वालों से अनुमान लगाने को कहते हैं ।अनुमान सही होने पर इनाम मिलता है, नहीं तो रकम डूब जाती है।  इसकी तरकीब कुछ ऐसी है कि दाव लगाने वाला शायद ही कभी जीत पाता है। इस तरह से स्थानीय लोगों और पर्यटकों को लूटा जा रहा है।

यहां  आयोजित माघी मेले के दौरान भी इसी तरह से जुआ खिलाने वालों की बाढ़ रही । धड़ल्ले से सरेआम ऐसे लोग अपने मंसूबे को अंजाम देते रहे लेकिन पुलिस ने जैसे इस ओर से आंख ही मूंद लिया था ।इन्हीं अपराधियो का जमावड़ा खूंटाघाट, रामटेकरी में भी अक्सर देखा जाता है, जिनके द्वारा पर्यटको से रकम को लेकर हुज्जत बाजी और मारपीट तक की जाती है। रतनपुर में आपराधिक तत्वों के हौसले किस कदर बढ़ चुके हैं इसकी बानगी अभी मेले के दौरान ही नजर आयी,  जहां हर रोज मारपीट ,लूटपाट की घटना घटती रही । यहां तक की बेलगाम हो चुके अपराधियों ने मेले में चाकूबाजी तक की, जबकि मेले में सुरक्षा के लिए ढेरों सिपाही तैनात किए गए थे,  उन्हें जैसे इन सब घटनाओं से कोई सरोकार ही नहीं है।  बताया जा रहा है कि रतनपुर के ही कुछ स्थानीय लोगों द्वारा बाहर से अपने साथियों को बुलाकर स्टाइगर के माध्यम से जुआ खिलाया जा रहा है। इन्हीं तत्वों की आमद से रतनपुर अपराधियों का अड्डा बनता जा रहा है।  हर दिन यहां मारपीट, लूटपाट और अन्य अपराध घट रहे हैं । पर्यटन नगरी होने की वजह से यहां अक्सर युवा जोड़े घूमने आते हैं जो खुटाघाट और अन्य पार्को में एक तरफ अश्लील हरकतों को अंजाम देते हैं तो वही अपराधी तत्वों द्वारा उनके साथ अक्सर बदसलूकी भी की जाती है । आरोप लगाए जा रहे हैं कि इन अपराधी तत्वों को पुलिस का संरक्षण हासिल है , तभी तो इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती। मेले के दौरान मामूली बात पर एक युवक पर चाकू से हमला कर दिया गया।  पुलिस ने बड़ी मुश्किल से मामला दर्ज किया लेकिन पुलिस अब तक आरोपी तक पहुंच नहीं पाई है। रतनपुर का प्रसिद्ध माघी मेला भी मारपीट की घटना के साथ समाप्त हुआ ।इससे तरफ जहां रतनपुर की पारंपरिक छवि धूमिल हो रही है वही यहां आने वाले पर्यटक और स्थानीय नागरिक भी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं । यहां पहुंचने वाले प्रेमी जोड़ों से जहां बदमाश अश्लील हरकत करते हैं तो वही अक्सर उनके साथ लूटपाट की घटना भी होती है । रतनपुर जिस्मफरोशी का भी अड्डा बनता जा रहा है । क्षेत्र में कोल माफिया सक्रिय हैं, अक्सर यहां जुए के बड़े फड़ लगते हैं ।यानी धीरे-धीरे धार्मिक नगरी क्राइम सिटी में तब्दील हो रही है क्योंकि यहां की पुलिस गहरी नींद में है।

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