सत्ता परिवर्तन के बाद भी अधिकारियों का गोलमाल रवैया बना हुआ है और अरपा की रेत को रेत माफिया बेखौफ उत्तखनन व परिवहन कर राजस्व का चूना लगा रहे हैं। जानकारी के अनुसार कोटा क्षेत्र के बेलगहना ग्रामपंचायत, करहीकछार, रतखण्डी में ट्रैक्टर से खुलेआम रेत माफियाओं द्वारा रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। यहां से बगैर रॉयल्टी पर्ची के नाम पर नदी से रेत निकालने का 150 से 200 ग्रामीणों द्वारा वसूली के रूप में लिया जा रहा है।
ग्रामीणों की शिकायत है कि बड़ी मुश्किल से मौके पर पहुंचते हैं खनिज अधिकारी। ग्रामीणों का आरोप है कि खनिज विभाग द्वारा महज खानापूर्ति के नाम पर गाड़ियों पर कार्यवाही कर छोड़ देते हैं। इसके बाद शेष दर्जनों गाड़ियों को बगैर कार्यवाही जाने दिया। ग्रामीणों के अनुसार यहां प्रतिदिन सुबह-शाम सौ से अधिक ट्रैक्टर से रेत उत्खनन किया जाता है। जीवनदायिनी अरपा नदी अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है नदी को सुरक्षित करने के बजाय नदी के चारों ओर अवैध उत्खनन किया जा रहा है जिसके कारण नदी का मूल स्वरूप बदलता जा रहा है।
जानकारी के अनुसार रेत उत्खनन के लिए सभी घाट को बंद कर दिया गया है ,ग्राम पंचायत रतखण्डी में रेत खाट चालू तो कर दिया गया है लेकिन ट्रैक्टर ट्राली चालकों से 200 से 300 लेकर लूज में ही रेत दिया जा रहा है ,इसके बावजूद आसपास के ठेकेदारों द्वारा ग्राम पंचायत,करहीकछार,केकराखोली, व ग्रामपंचायत बेलगहना में स्थित चाटापारा से ट्रैक्टर से भर कर अरपा नदी पर बेखौफ होकर खनिज विभाग को चुना लगाते नजर आ रहे हैं।
अवैध खनन प्रतिबंध होने के बावजूद रेत का अवैध खनन खनिज अधिकारियों और रेत माफियाओं की सांठगांठ को उजागर करता है वहीं स्वीकृत रेत घाट पर खनिज नियमों का पालन होता किसी भी खदानों में दिखलाई नहीं दे रहा।
नदी में पूर्ण रूप से अवैध खनन पर प्रतिबंध लगनें के बाद भी यहां नदी की रेत का उत्तखनन व परिवहन अधिकारियों की मिलीभगत को उजागर करता है।
बहरहाल सत्ता परिवर्तन के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अवैध उत्तखनन को लेकर अधिकारियों को सख्त हिदायत के साथ तत्काल रोक लगाने निर्देश दिए थे किंतु ऐसा लगता है कि बिलासपुर जिला खनिज विभाग के अधिकारियों को मुख्यमंत्री के निर्देश का भय भी नहीं लग रहा। शायद इसलिए ही प्रतिबन्ध के बावजूद रेत का अवैध उत्तखनन व परिवहन बदस्तूर जारी है।