
रतनपुर के महामाया मंदिर में नवरात्रि के अवसर पर पुराने दिन लौटते नजर आ रहे हैं। एक लंबे अंतराल के बाद महामाया मंदिर में पुरानी परंपराएं वापस स्थापित होंगी। कोरोना की वजह से पिछले 2 सालों में यहां नवरात्र की चमक फीकी रह रही थी, लेकिन इस वर्ष चैत्र नवरात्र पर कोरोना का प्रभाव नगण्य होने से एक बार फिर से पुरानी परंपराओं को स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। 2 अप्रैल से 10 अप्रैल तक आयोजित होने वाली चैत्र नवरात्रि की तैयारियों को लेकर सिद्ध शक्तिपीठ रतनपुर महामाया मंदिर ट्रस्ट के साथ मंदिर प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक हुई।
इस बैठक में मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों के साथ जिला प्रशासन का नेतृत्व अतिरिक्त कलेक्टर जय श्री जैन ने की। बैठक में पीएचई, पीडब्ल्यूडी, स्वास्थ्य एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी, पुलिस विभाग शामिल हुए । इस वर्ष यहां करीब 18,000 मनोकामना ज्योति कलश प्रचलित किए जाएंगे। कोविड के प्रभाव के चलते शारदीय नवरात्र पर पद यात्रियों से मंदिर नहीं आने का आग्रह किया गया था। इस वर्ष स्थिति सामान्य होने पर कालरात्रि यानी महा सप्तमी की रात को मंदिर के पट रात भर खुले रहेंगे, वही श्रद्धालु पदयात्रा कर देवी के दर्शन करने के लिए पहुंच सकेंगे । अन्य दिनों में भी सुबह 5:00 बजे से लेकर रात 12:00 बजे तक यहां देवी के दर्शन के लिए मंदिर के कपाट खुले रहेंगे। इस वर्ष परिसर में मेले का भी आयोजन किया जाएगा। हालांकि अभी भी मास्क और सोशल डिस्टेंस का नियम प्रभावी रहेगा। सुरक्षा के लिए पुलिस के जवान तैनात रहेंगे । स्वास्थ्य विभाग भी यहां मुस्तैद रहेगा। कालरात्रि पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु रतनपुर महामाया मंदिर पहुंचेंगे , जिनकी घर वापसी के लिए अगले दिन यानी महाष्टमी की सुबह अतिरिक्त 50 बसे उपलब्ध कराने के लिए आरटीओ को निर्देशित किया गया है। उम्मीद की जा सकती है कि इस बार महामाया मंदिर रतनपुर का पुराना वैभव एक बार फिर लौट आएगा और विगत वर्षों की तरह इस वर्ष भी यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुटेंगे।
