बिलासपुर अचंल के प्रतिष्ठित सी.एम.दुबे स्नातकोत्तर महाविद्यालय के स्पोर्ट्स सभागार में आयोजित समारोह मे मुख्य अतिथि के रूप भौतिक रूप से प्रथम बार अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति बबने के पश्चात् उपस्थित रहे आचार्य – ए.डी.एन. वाजपेयी का सर्वप्रथम महाविद्यालय के शासी निकाय के चेयरमैन पं. संजय दुबे, प्रभारी प्राचार्य डॉ. संजय सिंह ने पुष्प गुच्छ एव ंसाल एवं सर्वऋतुफाल से अभिनन्दन किया तथा महाविद्यालय के वर्तमान विकास कार्यों का परिचय कराया। 


इस समारोह में सम्माननीय आचार्य वाजपेयी जी ने स्पोर्ट्स सभागार में उपस्थित प्राध्यापकों एवं छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि इस महाविद्यालय से मेरा बहुत पुराना रिश्ता और लगाव रहा है। इस संस्था के संस्थापक पं. द्वारिका प्रसाद दुबे और भूतपूर्व प्राचार्य डॉ. डी.पी. शुक्ला के व्यक्तित्व से मै गहरा प्रभावित रहा हूं वे मेरे प्रेरणाश्रोत हैं। इस महाविद्यालय का दीवार-दीवार और ईंट-ईंट आज भी वही बोल रहा है जो पहले बोलता था। आगामी दिनो मे महाविद्यालय में नेक का मूल्यांकन होना है, मुझे पूर्ण विश्वास है अंचल का यह प्रतिष्ठित महाविद्यालय अपनी पूर्ण तैयारी की ओर अग्रसर है जैसा कि पिछला अनुभव इस महाविद्यालय के साथ ‘‘ए‘‘ ग्रेड का रहा है वह निश्चित तौर पर यह महाविद्यालय उससे आगे बढ़ने का प्रयास किया होगा। नेक से भयभित होने की आवश्यकता नहीं है। नेक का मूल्यांकन करने वाले हमारे ही बीच के लोग होते हैं हम अपनी उपलब्धियां और खूबियां निर्भयता के साथ उनके समक्ष रखें। आगे उन्होने कहा कि करूना और अनुशासन के द्वारा उत्कृष्टता के शिखर को पाया जा सकता है। उच्च शिक्षा संस्थानों को अध्ययन/अध्यापन के अलावा शोध और प्रकाशन की गतिविधियों को निरंतर जारी रखना चाहिए। 
अस अवसर पर प्रभारी प्राचार्य को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए तथा कहां कि उक्त कार्य संपादित किया जावें। शोध कार्य एवं प्रकाशन के ऊपर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है तथा समुदाय से जुड़कर सामुदायिक विकास संस्थाओं को निरंतर करते रहना चाहिए।
इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. व्ही.के.गुप्ता, प्रो. एच. एल. अग्रवाल, डॉ. वीणापाणी दुबे, डॉ. बिंधा शर्मा, डॉ. पी.एल. चन्द्राकर उपस्थित रहें। इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापकों के साथ अपना अनुभव साझा किये तथा सभी छात्रों एवं प्राध्यापकों के साथ आत्मियता के साथ मिले। अंत में प्रभारी प्राचार्य डॉ. संजय सिंह ने आभार प्रकट किया। 



            

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