वसंत पंचमी पर बिलासपुर में भी अपने अपने निवास के साथ विभिन्न स्कूल कॉलेज में विद्या संस्कृति और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर कई सार्वजनिक स्थानों पर भी सरस्वती पूजन का आयोजन किया गया। माघ माह के पांचवे दिन बसंत के आगमन पर देवी सरस्वती की पूजन की परंपरा है। इस शुभ अवसर पर कई स्थानों पर विद्या आरंभ उत्सव भी मनाया जाता है।
विगत 20 वर्षों की तरह इस वर्ष भी बिलासपुर छठ घाट में पाटलिपुत्र संस्कृति विकास मंच द्वारा सार्वजनिक सरस्वती पूजन उत्सव का आयोजन किया गया। प्रातः 9:00 बजे से आरंभ अनुष्ठान में यहां विधि विधान के साथ देवी सरस्वती की पूजा अर्चना कर पुष्पांजलि अर्पित की गई। समाज के वरिष्ठ, कनिष्ठ, युवा जनों ने देवी की आराधना कर विद्या, बुद्धि ,संस्कृति प्रदान करने का वरदान मांगा । पाटलिपुत्र संस्कृति विकास मंच के अध्यक्ष प्रवीण झा एवं सचिव डॉ धर्मेंद्र कुमार दास ने बताया कि भारत की संस्कृति विश्व भर में प्रसिद्ध है।
अलग-अलग प्रांतों की संस्कृति का विस्तार, उनके संरक्षण- संवर्धन के प्रयास में पाटलिपुत्र संस्कृति विकास मंच भी सक्रिय है। यही कारण है कि हर वर्ष छठ घाट में स्थित सामुदायिक भवन में देवी सरस्वती का पूजन किया जाता है। छठ पर्व के बाद यह दूसरा अवसर होता है जहां सभी समाज के लोग एकत्रित होते हैं। सरस्वती पूजा के अवसर पर यहां छठ घाट में भोग प्रसाद भंडारे का आयोजन भी किया गया, जिसमें सभी वर्ग के लोगो ने बड़ी संख्या में शामिल होकर प्रसाद ग्रहण किया।
इस अवसर पर संरक्षक मंडल के एसपी सिंह, एच पी एस चौहान, बी बी तिवारी , नरेंद्र दास , अशोक झा, आनंद मोहन, पंकज सिंह, सुधीर झा, धनंजय झा, विनोद सिन्हा, राम गोस्वामी, पी सी झा, चंद्र किशोर प्रसाद, आर पी सिंह , डॉक्टर कुमुद, प्रेम रंजन सिंह, गणेश गिरी, रविंद्र कुशवाहा, रुपेश कुशवाहा, जेपी सिंह समेत बड़ी संख्या में महिलाएं एवं बच्चे शामिल थे। वहीं इस अवसर पर देवी सरस्वती के दर्शन, आराधना के लिए भाजपा नेता राकेश तिवारी, ऋषि केशरी, जयेश तिवारी, संजय मुरारका, नवल वर्मा और दिनेश घोरे भी पहुंचे। देवी प्रतिमा का विसर्जन 6 फरवरी सुबह किया जाएगा।