

बिलासपुर। 4 नवंबर को लालखदान के पास हुए गेवरारोड–बिलासपुर मेमू हादसे की जांच रिपोर्ट आते ही रेलवे में कार्रवाई की आंधी चल पड़ी है। रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) बी.के. मिश्रा की विस्तृत रिपोर्ट के बाद अब डीआरएम बिलासपुर राजमल खोईवाल और प्रिंसिपल चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर राजीव कुमार बरनवाल का भी तबादला कर दिया गया है। इससे पहले प्रिंसिपल चीफ सेफ्टी ऑफिसर सुबोध चौधरी और सीनियर डीओपी मसूद आलम को हटाया जा चुका है। यानी हादसे के 20 दिन के भीतर कुल चार बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है।

कैसे हुआ था हादसा — 12 मौतें, 21 घायल
4 नवंबर को गेवरारोड से बिलासपुर आ रही मेमू ट्रेन ने लालखदान के पास खड़ी मालगाड़ी को तेज रफ्तार में टक्कर मार दी थी। इस हादसे में लोको पायलट विद्यासागर सहित 12 लोगों की मौत हुई थी और 21 से अधिक यात्री घायल हुए थे।

सीआरएस रिपोर्ट का खुलासा — ट्रेन संचालन में गंभीर चूक
सीआरएस मिश्रा ने तीन चरणों में विस्तृत जांच की।
रिपोर्ट के अहम बिंदु:
सिग्नल नियमों की अनदेखी
लोको पायलट के गलत निर्णय

तंत्र की कई तकनीकी खामियां
अफसरों द्वारा प्रक्रिया का पालन न करना
सबसे बड़ा खुलासा यह रहा कि लोको पायलट विद्यासागर साइको टेस्ट में फेल था, इसके बावजूद
राजीव कुमार बरनवाल (PCEE) और मसूद आलम (Sr. DOP) ने उसे मेमू चलाने की ड्यूटी दे दी थी।

दस्तावेजों में गड़बड़ी — पायलट का बयान दोबारा लेना पड़ा
सीआरएस को पहले लिए गए पायलट के बयान में गड़बड़ी महसूस हुई, जिसके बाद उन्होंने स्वयं बयान लिया।
इसके अतिरिक्त उन्होंने PCEE, PCSO, PCMO और PCME को कोलकाता बुलाकर गहन पूछताछ की।
रेलवे सिस्टम की 16 खामियां रिपोर्ट में दर्ज
सीआरएस रिपोर्ट में साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे (SECR) सिस्टम में 16 गंभीर कमियां बताई गई हैं, जिनमें लोको पायलट के कौशल, पर्यवेक्षण, तकनीकी मॉनिटरिंग और विभागीय समन्वय से संबंधित गंभीर त्रुटियां शामिल हैं।
4 अफसर हटे, 1 सस्पेंड
- राजमल खोईवाल – डीआरएम बिलासपुर (तबादला)
- राजीव कुमार बरनवाल – PCEE (तबादला, EC Railway भेजे गए)
- सुबोध चौधरी – PCSO (हटाए गए)
- मसूद आलम – Sr. DOP (पहले अवकाश, बाद में बदली)
- असिस्टेंट लोको पायलट रश्मि राज – दोषी पाए जाने पर निलंबित
नए डीआरएम के रूप में उमेश कुमार (Western Railway) को बिलासपुर का कार्यभार सौंपा गया है।
PCEE पद पर आर.के. चौधरी को तैनात किया गया है।
जोनल मुख्यालय में खलबली
रिपोर्ट के बाद SECR जोनल मुख्यालय में हड़कंप मचा है।
चर्चा है कि अगले चरण में और भी वरिष्ठ अफसरों पर कार्रवाई हो सकती है।
रेल मंत्रालय सीआरएस रिपोर्ट के आधार पर आगे की जवाबदेही तय करने में जुटा है।
यह हादसा रेलवे सिस्टम में मौजूद खामियों, मानव त्रुटियों और प्रशासनिक लापरवाही का एक गंभीर उदाहरण बनकर सामने आया है। जांच जारी है और आने वाले दिनों में और कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
