

कबीरधाम जिले में 65 बकरियों की चोरी के मामले में फंसे बिलासपुर निवासी आरोपी को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत नहीं मिली। करीब दो लाख रुपए की कीमत की इन बकरियों की चोरी को लेकर कबीरधाम और पंडरिया थाने में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज हैं। संभावित गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी सुनील भोई ने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दायर की थी।
दो थानों में दर्ज हैं मामले
कबीरधाम और पंडरिया थाना क्षेत्रों में बड़ी संख्या में बकरियां चोरी होने की घटनाओं की जांच के दौरान बिलासपुर के चिल्हाटी और मोपका निवासी सुनील भोई का नाम सामने आया। पुलिस ने बीएनएस की धारा 331(4), 305(ए), 112 व 3(5) के तहत अपराध दर्ज किया है। अन्य गिरफ्तार आरोपियों के बयान में भी सुनील भोई की संलिप्तता बताई गई है।
‘निर्दोष हूं, फंसाया गया’—आरोपी का पक्ष
याचिका में सुनील भोई ने दावा किया कि उसे झूठा फंसाया गया है और उसके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है। उसके वकीलों ने यह दलील भी दी कि इसी मामले में शामिल अन्य सह-अभियुक्तों को निचली अदालतें जमानत दे चुकी हैं, इसलिए उसे भी अग्रिम जमानत मिलनी चाहिए।
राज्य का पक्ष: ‘गंभीर चोरी, बड़ी संख्या में बकरियां गायब’
सरकारी पक्ष ने कोर्ट को बताया कि चोरी मामूली नहीं है। कुल 65 बकरियां चोरी की गई हैं जिनकी कीमत करीब दो लाख रुपए है। इसी वजह से आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
कोर्ट ने खारिज की याचिका
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की सिंगल बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद रिकॉर्ड का अवलोकन किया। कोर्ट ने पाया कि मामले में गंभीर आरोप हैं और इस चरण में आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती। परिणामस्वरूप सुनील भोई की दोनों अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दी गईं।
बता दें कि इस प्रकरण में शामिल सह-अभियुक्त साहिल खान, शब्बन खान, सब्बीर खान, गौरव धुरी और मनीष पटेल को निचली अदालतों से पहले ही जमानत मिल चुकी है।
