

बिलासपुर। पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ लेने के लिए बिलासपुर रीजन के 20,112 उपभोक्ताओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है, लेकिन अब तक केवल 5,602 घरों में ही सोलर प्लांट इंस्टॉल हो पाए हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह उपभोक्ताओं को बैंक लोन का समय पर स्वीकृत न होना सामने आई है। यह मुद्दा सोमवार को तिफरा स्थित कल्याण भवन में छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड की समीक्षा बैठक में जोरदार तरीके से उठा।
बैठक में पहुंचे बिलासपुर, पेण्ड्रारोड और मुंगेली के कुल 61 वेंडरों ने कहा कि फाइलें जमा करने के बाद भी बैंक लोन स्वीकृत नहीं कर रहे। कई उपभोक्ताओं की फाइलें बैंक शाखाओं में महीनों से लंबित हैं। अब तक लगभग 125 वेंडरों की फाइलें बैंकों में अटकी पड़ी हैं, जिससे योजना का लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है।
बिजली विभाग के कार्यपालक निदेशक ए.के. अम्बस्थ ने वेंडरों से ऐसे बैंकों की सूची मांगी है जो लोन देने में आनाकानी कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कार्यपालन यंत्री, जेई और एई को निर्देशित किया कि वे संबंधित बैंक प्रबंधकों से बात कर समस्या का समाधान सुनिश्चित करें।
विभाग ने बताया कि
- 1607 उपभोक्ताओं के घरों में इंस्टालेशन पूरा कर लिया गया है
- 1050 उपभोक्ताओं की सब्सिडी राशि जमा कर दी गई है
बैठक में वेंडरों ने यह भी कहा कि कई के पास आवश्यक उपकरणों की कमी है, जिसके कारण काम की गति धीमी पड़ रही है। ईडी अम्बस्थ ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन वेंडरों के पास सामान नहीं है, वे अन्य वेंडरों से सहयोग लेकर इंस्टालेशन कार्य तेजी से पूरा करें।
बैठक में अधीक्षण अभियंता सुरेश जांगड़े, स्मिता सूर्यवंशी, पीआर साहू, कार्यपालन अभियंता हेमंत चन्द्रा, अनुपम सरकार, सैय्यद मुख्तार, एनआर भगत सहित पावर कंपनी के अधिकारी-कर्मचारी और सोलर वेंडर्स उपस्थित रहे।
हालांकि इससे पहले कलेक्टर की बैठक में भी बैंक लोन की समस्या उठाई जा चुकी है, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं दिख रहा। अब विभाग उम्मीद कर रहा है कि बैंक स्तर पर की जा रही बातचीत से अटकी फाइलें जल्द आगे बढ़ेंगी और अधिक उपभोक्ता योजना का लाभ उठा सकेंगे।
